(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ram Navami 2023: आज राम नवमी पर बन रहे हैं कई शुभ संयोग, इस समय की गई पूजा होगी विशेष फलदायी
Shree Ram Stuti: आज राम नवमी का त्योहार मनाया जा रहा है. आज के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं जिसमें पूजा-पाठ करने का विशेष लाभ मिलेगा. जानते हैं आज बनने वाले विशेष संयोंग के बारे में.
Shri Ram Navami 2023: आज राम नवमी का त्योहार बहुत धूम धाम से मनाया जा रहा है. आज के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था. राम नवमी के दिन भगवान राम का पूजन, मंत्र, स्तुति, चालीसा, आरती और रामाष्टक का पाठ किया जाता है. आज के दिन श्रीराम की स्तुति करने से वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं. आज राम नवमी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. इन शुभ संयोग में पूजा-पाठ करने का विशेष लाभ मिलने वाला है. आइए जानते हैं आज प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव पर बनने वाले विशेष संयोग के बारे में.
राम नवमी का शुभ मुहूर्त और संयोग
राम नवमी के दिन श्री राम पूजा का मुहूर्त शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक हैं. इस शुभ मुहूर्त में भगवान राम की पूजा करना विशेष फलदायी रहेगा. इसके अलावा आज राम नवमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग और गुरु पुष्य योग भी बन रहा है. इन शुभ संयोग में किए गए सारे कार्य सफल होते हैं और भक्तों पर भगवान राम की कृपा होती है. आज के दिन श्री राम स्तुति और आरती करने से दुखों से छुटकारा मिलता है.
श्री राम स्तुति
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
श्री रामजी की आरती
आरती कीजै श्री रघुवर जी की,
सतचित आनंद शिव सुंदर की,
दशरथ तनय कौशल्या नंदन,
सुर, मुनि, रक्षक, दैत्य निकंदन,
अनुगत भक्त-भक्त उर चंदन,
मर्यादा पुरुषोत्तम वर की,
आरती कीजे श्री... ....
निर्गुण, सगुण, अनूप रूप निधि,
सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि,
हरण शोक भयदायक नवनिधि,
माया रहित दिव्य नर वर की,
आरती कीजै श्री.......
जानकी पति सुर अधिपति जगपति,
अखिल लोक पालक त्रिलोक गति,
विश्व बंध अवंनह अमित गति,
एक मात्र गति सचराचर की,
आरती कीजै श्री.........
शरणागति वत्सल व्रतधारी,
भक्त कल्प तरुवर असुरारी,
नाम लेत जग पावन कारी,
वानर सखा दीन दुःख हर की,
आरती कीजै श्री......
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