Shri Ram Navami 2024: हर साल चैत्र माह की नवमी के दिन राम नवमी मनाई जाती है. चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन 17 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी. भगवान श्रीराम का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में मध्यान्ह 12 बजे हुआ था.
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि नवमी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01.23 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03.14 मिनट पर समाप्त होगी. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमीं तिथि 17 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी.
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म राजा दशरथ के घर पर हुआ था. इस दिन प्रभु श्रीराम की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है.
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान राम का जन्म मध्यान्ह में अभिजीत मुहूर्त में हुआ था. उस समय सूर्य,बुध,गुरु,शुक्र और शनि ग्रह का विशेष योग बना था. जबकि सूर्य,मंगल,गुरु,शुक्र और शनि अपनी-अपनी उच्च राशि में मौजूद थे.
राम नवमी पर बना शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार 17 अप्रैल को रामनवमी के दिन शुभ योग बन रहा है. 17 अप्रैल को रवि योग लग रहा है जो पूरे दिन रहने वाला है. ज्योतिष शास्त्र में रवि योग को बहुत शुभ माना गया है. इस योग में सूर्य का प्रभाव होने से भक्तों को सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. इस योग में धार्मिक कार्य ओर हवन पूजन करने से जीवन में सफलता और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रवि योग में सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है. रवि योग को शुभ योग माना जाता है, जिसमें सूर्य का प्रभाव होता है. इस दौरान की गई पूजा-पाठ मान-सम्मान और करियर में सफलता प्रदान करते हैं.
राम नवमी का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल राम नवमी 17 अप्रैल 2024 को है. पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01.23 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03.14 मिनट पर समाप्त होगी.
राम नवमी की पूजा विधि
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस पावन दिन शुभ जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन लें. अपने घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. घर के मंदिर में देवी- देवताओं को स्नान कराने के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र पहनाएं. भगवान राम की प्रतिमा या तस्वीर पर तुलसी का पत्ता और फल-फूल अर्पित करें.
अगर आप व्रत कर सकते हैं, तो इस दिन व्रत भी रखें. भगवान को अपनी इच्छानुसार सात्विक चीजों का भोग लगाएं. इस पावन दिन भगवान राम की आरती भी अवश्य करें. इस दिन आप रामचरितमानस, रामायण, श्री राम स्तुति और रामरक्षास्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं.
भगवान के नाम का जप करने का बहुत अधिक महत्व होता है. आप श्री राम जय राम जय जय राम या सिया राम जय राम जय जय राम का जप भी कर सकते हैं. राम नाम के जप में कोई विशेष नियम नहीं होता है, आप कहीं भी कभी भी राम नाम का जप कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- अष्टमी के दिन पूजा का सही नियम क्या है, किन बातों का रखना चाहिए ध्यान, जानें
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.