Ramadan 2024: रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बहुत ही पवित्र और खास महीना होता है. रमजान इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना होता है. शाबान यानी इस्लामिक कैलेंडर के आठवें महीने के आखिरी दिन चांद का दीदार होने के बाद रमजान महीने की शुरुआत होती है और इसके बाद मुसलमान 29 या 30 दिनों का रोजा रखते हैं. इस साल माह-ए-रमजान की शुरुआत सोमवार, 11 मार्च 2024 से होगी.


इस्लाम के 5 स्तंभों में शामिल है रोजा (Five Pillars of Islam)


इस्लाम धर्म के धार्मिक किताब कुरान ए करीम में इस्लाम के 5 स्तंभ, फर्ज या मूलभूत सिद्धांतों का जिक्र किया गया है. दुनियाभर के हर मुसलामन को ताउम्र इन सिद्धांतों का पालन और अनुसरण करना अनिवार्य होता है. इस्लाम धर्म के इन 5 स्तंभ को अरकान-ए-इस्लाम या अरकान-ए-दीन भी कहा जाता है. इस्लाम के ये 5 स्तंभ या फर्ज हैं- कलमा (Kalma), नमाज (Namaz), रोजा (Roza), जकात (Zakat) और हज (Hajj).




इस्लाम का तीसरा स्तंभ है रोजा


इस्लाम में रमजान को पाक यानी पवित्र महीना माना गया है और इस माह हर दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त कर रोजा यानी उपवास रखने का हुक्म है. रोजा को इस्लाम के 5 स्तंभों में तीसरा स्तंभ माना गया है. रोजा के दौरान मुसलमान दिनभर उपवास रखते हैं और कुछ भी खाते-पीते नहीं है. लेकिन रोजा का सही अर्थ केवल सुबह से शाम तक भूखे रहना मात्र नहीं हैं. बल्कि रोजा रखने के दौरान कई कठोर नियमों का पालन भी करना पड़ता है. कुरान के अनुसार रोजा वह जरिया है जिससे आप गरीब और भूखों का दर्द समझ सकते हैं. इसलिए रमजान महीने में रोजा रखने के साथ ही दान करना भी जरूरी होता है. साथ ही रोजा दुनियादारी के बंधनों से ध्यान हटाकर अल्लाह से नजदीकियां महसूस करना भी है.


रोजा के दौरान रोजेदार इन कामों से करें तौबा (Roza Rules)



  • सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा का पालन करें और इन दौरान कुछ भी खाने-पीने से परहेज करें.

  • केवल भूखा-प्यासा रहना ही रोजा नहीं है, बल्कि आंख, कान और जीभ का भी रोजा होता है. यानी रोजा के दौरान बुरा देखने, सुनने और बोलने से तौबा करें.

  • रोजा रखने को दौरान शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए और ना ही बुरी सोच रखनी चाहिए. इससे रोजा टूट सकता है.

  • रोजा के दौरान झूठ बोलने, बदनामी करने, झूठी गवाही देने, पीठ पीछे बुराई करने, झूठी कसम खाने जैसे काम भी न करें.


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