Jyotish Vidya: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में अशुभ योग का निर्माण होता है तो उसका जीवन से सुख शांति का नाश हो जाता है. जॉब और व्यापार में परेशानी बनी रहती है. करीबी लोगों से संबंध खराब हो जाते है और व्यक्ति को भटकना पड़ता है. व्यक्ति को शांति नहीं मिलती है और मानसिक तनाव से जुझने लगता है.


गुरु चंडाल योग
ज्योतिष शास्त्र में गुरु चंडाल योग का निर्माण तब होता है जब गुरु और राहु एक साथ आ जाएं या फिर इनकी दृष्टि एक दूसरे पर हो या कुंडली में इनका एक दूसरे से किसी भी प्रकार से संबंध बन जाए. जब ऐसी स्थिति बनती है तो गुरु चंडाल योग का निर्माण होता है.


गुरु चंडाल योग का प्रभाव
जब व्यक्ति के जीवन में गुरु चंडाल का योग का निर्माण होता है तो व्यक्ति सफलताओं के लिए संघर्ष करता है. धन की कमी उत्पन्न हो जाती है. व्यक्ति निराशा और नकारात्मकता से घिर जाता है. सुविधाओं और संसाधनों की कमी आने लगती है.


गुरु चंडाल योग का निवारण
गुरु चंडाल योग का उपाय संभव है. इस योग से घबराने की जरुरत नहीं है. सही समय पर यदि इस अशुभ का योग का पता चल जाए तो हानि को बहुत हद तक रोका जा सकता है. इस अशुभ योग के प्रभाव को समाप्त करने के लिए गुरुजनों का आर्शीवाद प्राप्त करें. समय समय पर गुरुजनों को उपहार दें और उन्हें प्रसन्न रखें. बड़े भाई, बॉस आदि का सम्मान करें. अच्छा साहित्य और विद्वान लोगों की संगत करें. बुरी आदतों से बचें और गलत लोगों से दूर रहें. अनुचित आचरण न करें.


उपाय
केले का पौधा लगाएं और नित्य पूजा करें. बृहस्पतिवार को भगवान विष्णु की पूजा करें. एकादशी का व्रत रखें. पीले रंग का अधिक प्रयोग करें. राहु के मंत्रों का जाप करें. स्कूल में शिक्षण सामग्री का दान करें. आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की मदद करें.


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