Manglik Dosh: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को एक उग्र ग्रह माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में इसे ग्रहों का सेनापति माना गया है. व्यक्ति की जन्म कुंडली में जब मंगल शुभ स्थिति में होता है तो व्यक्ति निडर, साहसी और बड़े कार्यों को करने वाला योद्ध होता है. मंगल प्रधान व्यक्ति सेना और पुलिस विभाग में उच्च पद प्राप्त करते हैं. मंगल प्रधान व्यक्ति में साहस की कोई कमी नहीं होती है. ये एडवेंचर के शौकिन होते हैं.


अशुभ मंगल के फल
जन्म कुंडली में जब मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में होता है तो भाई बहनों से विवाद कराता है. रक्त संबंधी दिक्कत होने लगती है. बात बात पर क्रोध आने लगता है. क्रोध के समय व्यक्ति स्वयं पर नियंत्रण खो देता है. वाणी खराब हो जाती है और हिंसा करने का विचार मन में आता है.


जन्म कुंडली में ऐसे बनता है मंगल दोष
मंगल दोष होने पर व्यक्ति के विवाह में अड़चन आती है. वर और वधु में से यदि कोई भी एक मंगल दोष से पीड़ित है तो दांपत्य जीवन कलह और हिंसा से भर जाता है. यहां तक की तलाल की भी स्थिति पैदा हो जाती है. जन्म कुंडली में मंगल दोष तब बनता है जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के 1, 4, 7, 9, 12वें स्थान या भाव में मंगल स्थित हो तो वह व्यक्ति मांगलिक होता है. जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं. लग्न भाव को प्रथम भाव मानकर मंगल की स्थिति को समझ सकते हैं.


मंगल के उपाय
मंगल दोष के प्रभाव को दूर करने के लिए नदी में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्ठान्न और सिक्का लाल कपड़े में बांध कर प्रवाहित करने से आराम मिलता है. तुलसी की पूजा करने से भी मंगल दोष कम होता है. सोमवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने और पूजा करने से मंगल दोष शांत होता है.


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