Meen Rashi Mangal Gochar 2020: मीन राशि में मंगल का गोचर मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह सहित सभी राशियों को प्रभावित करने जा रहा है. मंगल का यह राशि परिवर्तन देश दुनिया पर भी अपना प्रभाव डालने जा रहा है. इसलिए मंगल का यह राशि परिवर्तन बहुत अहम है.
मंगल का स्वभाव
मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों का सेनापति माना गया है. मंगल मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामी है. मकर राशि में मंगल उच्च और कर्क राशि में नीच होता है. सूर्य, चंद्र और बृहस्पति यानि गुरु ग्रह से मंगल की मित्रता है. बुध से मंगल की नहीं बनती है. बुध से मंगल का बैर है. शुक्र और शनि से मंगल न दोस्त न बैर वाली स्थिति है.
जन्म कुंडली में मंगल का फल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म कुंडली में जब मंगल शुभ होता है तो व्यक्ति को साहसी, निडर और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने वाला बनाता है. ऐसे लोग पराक्रमी होते हैं. इन्हें क्रोध बहुत जल्दी आता है. अशुभ मंगल जेल, दुर्घटना, तलाक, ऑपरेशन और तनाव का भी कारण बनता है. जन्म कुंडली में मंगल की भूमिका बहुत प्रभावी मानी गई है. मंगल को आवेश और ऊर्जा का कारक माना गया है.
मीन राशि में मंगल का गोचर कब है
4 अक्टूबर 2020 को मंगल ग्रह प्रात: 10 बजकर 06 मिनट पर व्रकी होकर स्वराशि मेष से मीन राशि में प्रवेश करेगा. मीन राशि में मंगल 14 नवंबर को प्रात: 6 बजकर 06 मिनट पर एक बार फिर मार्गी होगा. इसके बाद 24 दिसंबर 2020 को मंगल एक बार फिर स्वराशि मेष में चला जाएगा. पंचांग की गणना के अनुसार मंगल 81 दिनों के लिए ही मीन राशि में आ रहा है.
मीन राशि पर मंगल का गोचर का फल
मंगल का यह गोचर मीन राशि वालों के लिए मिलाजुला परिणाम देगा. मंगल वक्री है यानि उल्टी चाल चल रहा है. ऐसे में मंगल शुभ परिणाम कम ही देंगे. क्योंकि वक्री अवस्था में ग्रह पीड़ित होता है जिस कारण शुभ फलों में कमी आती है. मीन राशि वाले इस गोचर काल में सावधान रहें. क्रोध से बचें. सीमित संसाधनों में ही अपने सभी कार्यों को करना होगा. इस दौरान पड़ोसियों से रिश्ते खराब हो सकते हैं. यात्रा करते समय सावधानी बरतें. दांपत्य जीवन में मधुरता की कमी आ सकती है. सेहत का ध्यान रखें. किसी भी प्रकार के वाद विवाद सें बचें. धर्म कर्म के कार्यों में रूचि लें. बुरी आदतों से बचें.
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