मेष राशि में मंगल होने जा रहे हैं वक्री, बढ़ सकती है मेष राशि वालों की मुश्किल, जानें राशिफल
Aries Horoscope In Hindi: मेष राशि वालों की मंगल मुश्किलें बढ़ाने आ रहा है. मंगल ग्रह मेष राशि में वक्री होने जा रहा है. व्रकी ग्रह अशुभ फल प्रदान करते हैं. मंगल के वक्री होने पर मेष राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा, आइए जानते हैं मेष राशि का राशिफल.
Mesh Rashifal: मेष राशि में मंगल व्रकी होने जा रहा है. पंचांग के अनुसार 10 सितंबर 2020 से मंगल ग्रह मेष राशि में वक्री होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई ग्रह वक्री होता है तो शुभ परिणाम नहीं देता है. व्रकी मंगल मेष राशि वालों को परेशान भी कर सकता है.
मंगल ग्रह का स्वभाव मेष राशि मंगल की अपनी राशि है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल मेष राशि के स्वामी हैं. मंगल ग्रह को साहस, बल, हिंसा, आग, रक्त, भूमि, सेना, पुलिस, क्रोध, दुर्घटना और कर्ज आदि का भी कारक माना जाता है. मंगल इस समय अपनी राशि यानि मेष राशि में गोचर कर रहा है.
मंगल कब होगा मार्गी मंगल 10 सितंबर 2020 को प्रात: 3 बजकर 51 मिनट पर व्रकी हो जाएगा. मंगल 14 नवंबर को मार्गी होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वक्री अवस्था में ग्रह उल्टी चाल चलता है जिस कारण उसे पीड़ा होती है. इसीलिए वक्री अवस्था में ग्रह पूर्ण फल प्रदान नहीं कर पाता है. मेष राशि में 66 दिन तक वक्री रहेगा. मंगल वक्री अवस्था में ही मीन राशि भी प्रवेश करेगा.
मेष राशिफल व्रकी मंगल के कारण मेष राशि का राशिफल प्रभावित होगा. इस दौरान मेष राशि वालों को अपने क्रोध पर काबू रखना होगा और वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी होगी. व्रकी मंगल मेष राशि के जातकों के आत्मविश्वास में भी कमी ला सकता है. विवाद की स्थिति पैदा कर सकता है. मेष राशि वालों की वाणी भी दूषित हो सकती है. जिस कारण संबंध प्रभावित हो सकते हैं.
काम में आ सकती है बाधा मंगल वक्री होने से मेष राशि वालों के कार्यों में बाधा भी पैदा कर सकता है. इस दौरान नया कार्य आरंभ करने से बचें. नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस दौरान कर्ज आदि लेने से भी बचें.
अहंकार न करें मेष राशि वाले मंगल के वक्री होने के दौरान अंहकार न करें. अहंकार के कारण अपयश की प्राप्ति हो सकती है. करीबी संबंध भी बिगड़ सकते हैं. लोग दूरी भी बना सकते हैं.
मंगल का उपाय मंगल की अशुभता को दूर करने के लिए मेष राशि वाले हनुमान जी की पूजा करें. जरुरतमंदों की सेवा करें और उन्हें भोजन कराएं. संगत को बेहतर बनाएं. धर्म कर्म के कार्यों में रूचि लें.
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