Gemini Horoscope In Hindi: पंचांग के अनुसार 24 सितंबर 2020 को गुरुवार के दिन अष्टमी की तिथि है. इस दिन मूल नक्षत्र है और चंद्रमा धनु राशि और सूर्य कन्या राशि में गोचर कर रहा है. बीते 23 सितंबर को राहु मिथुन राशि से वृषभ राशि में आ चुका है. राहु अभी तक मिथनु राशि में ही गोचर कर रहा था. राहु के राशि परिवर्तन से उन लोगों को विशेष राहत मिलेगी, जिनकी जन्म कुंडली में राहु अशुभ अवस्था में है.


बिना जन्म कुंडली के राहु की अशुभता का पता लगाएं
ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह का दर्जा प्राप्त है. राहु अशुभ होने के बाद भी एक प्रभावशाली ग्रह है. राहु शुभ-अशुभ दोनों ही तरह के फल प्रदान करता है. जन्म कुंडली में राहु और अन्य ग्रहों की स्थिति से इसके शुभ और अशुभ होने का पता लगाया जाता है. बिना जन्मकुंडली के भी राहु की अशुभता का पता लगाया जा सकता है.


इन बातों पर ध्यान दें
राहु जब किसी के जीवन में अशुभ होता है तो कई तरह की परेशानियां प्रदान करता है. अशुभ राहु मानसिक तनाव, बुरी संगत, नशे की आदत, झूठ बोलना, धोखा देना, मन में बुरे विचार, निराशा, अज्ञात भय, धनि हानि, भ्रम की स्थिति, कार्य में बाधा, अचानक हानि, संघर्ष और संबंधों में कटुता प्रदान करता है. यदि ये लक्षण दिखाई दें तो समझ लेना चाहिए कि राहु कहीं न कहीं अशुभ फल प्रदान कर रहा है.


राहु की अशुभता को दूर करने के उपाय
मिथुन राशि के साथ ये उपाय वे लोग भी कर सकते हैं जो राहु संबंधी अशुभता से पीड़ित है. इसके लिए गुरुवार का दिन अच्छा है. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. इस समय चातुर्मास में अधिक मास चल रहा है. चातुर्मास में भगवान विष्णु पाताला लोक में विश्राम करने चले जाते हैं और पृथ्वी की बागडोर भगवान शिव को सौंप जाते हैं. इसलिए चातुर्मास में भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं. पुरुषोत्तम मास भगवान विष्णु को समर्पित है. इसलिए गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी और सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने वाली मानी गई है. इस दिन दान आदि करने से भी राहु की अशुभता को दूर करने में मदद मिलती है.


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