मिथुन, तुला पर शनि की ढैय्या और धनु ,मकर, कुंभ पर चल रही है साढे़साती, जानें उपाय
मिथुन राशि, तुला राशि, धनु राशि समेत पांच राशियों पर इस समय शनि की छाया बनी हुई है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को कई परेशानियां देते हैं. शनि की अशुभता को दूर करने के आइए जानते हैं उपाय.
Shani Sade Sati 2020: मिथुन राशि और तुला राशि पर इस समय शनि की ढैय्या चल रही है. जबकि धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. शनि इस समय मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. विशेष बात ये है कि शनि की चाल 29 सितंबर से बदली है. शनि इस समय मार्गी अवस्था में है. शनि जब मार्गी होते हैं तो अपनी अशुभता में कमी लाते हैं यानि अशुभ फलों में कमी आती है.
शनि को ज्योतिष शास्त्र में प्रभावशाली ग्रह माना गया है. शनि को ग्रहों में न्यायाधीश माना गया है. ऐसे माना जाता है कि शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर ही शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं. यानि व्यक्ति जब अच्छे कर्म करता है तो शनि उसे शुभ फल प्रदान करते हैं वहीं जब व्यक्ति बुरे कार्यों को करता है तो शनि अच्छे परिणाम नहीं देते हैं.
शनि जब अशुभ हों शनि ग्रह जब किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में अशुभ स्थिति में विराजमान हों तो व्यक्ति को जॉब, करियर, बिजनेस और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें प्रदान करते हैं. इसलिए शनि की अशुभता को दूर करना बहुत ही जरूरी हो जाता है.
शनि जब शुभ हों व्यक्ति की जन्म कुंडली में जब शनि शुभ होते हैं तो व्यक्ति को उच्च पद, जनता में लोकप्रिय बनाते हैं और जॉब और व्यापार में व्यक्ति को लाभ प्रदान करते हैं.
शनि मार्गी का फल शनि बीते 29 सितंबर से मार्गी अवस्था में है. इससे पहले शनि 11 मई 2020 को वक्री हुए थे. शनि जब वक्री होते हैं अच्छे फल प्रदान नहीं करते हैं क्योंकि शनि की यह उल्टी चाल होती है. इस स्थिति में शनि को पीड़ित माना जाता है. शनि जब पीड़ित होते हैं तो जिन लोगों पर शनि की ढैय्या और सांढेसाती चल रही होती है उन्हें कई प्रकार के कष्ट सहने पड़ते हैं. शनि को मकर और कुंभ राशि का स्वामी माना गया है. तुला शनि की उच्च राशि है. इस समय धनु पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण, मकर राशि पर दूसरा चरण और कुंभ राशि पर पहला चरण चल रहा है.
शनि का उपाय शनि से संबंधित दान करने से शनि की अशुभता में कमी आती है. वहीं शनि वार को शनि देव की पूजा करने से शनि प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि का दोष दूर होता है. शनिवार के दिन शाम को पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इससे शनि बहुत जल्दी शुभ परिणाम प्रदानक करते हैं. काले कुत्ते को रोटी, काली गाय की पूजा, काली चींटी को आटा और मछली को आटे की गोलियां बनाकर खिलाने से भी शनि प्रसन्न होते हैं.
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