Shani Dhaiya 2020: मिथुन राशि और तुला राशि वालों पर इस समय शनि देव की नजर है. इन दोनों राशियों पर शनि की ढैय्या चल रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब गोचर में शनि किसी राशि से चतुर्थ और अष्टम भाव में होता है तो यह स्थिति ढैय्या कहलाती है. इस समय मिथनु और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है.


शनि ढैय्या का प्रभाव
शनि ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में एक न्यायप्रिय ग्रह माना गया है. ऐसी मान्यता है कि शनि व्यक्ति को उसके अच्छे बुरे कार्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं. जिस राशि के व्यक्ति पर शनि की ढैय्या चल रही होती है उसे शनि कई तरह की परेशानियां प्रदान करते हैं. शनि की ढैय्या एक राशि पर ढाई वर्ष तक रहती है. इस दौरान शनि देव व्यक्ति को हर तरह की परेशानियां देने का प्रयास करते हैं. ढैय्या के दौरान शनि धन हानि, रोग, सफलता में बाधा, दुर्घटना, कानूनी विवाद आदि जैसी दिक्कतें प्रदान करते हैं.


मिथुन राशि: मिथुन राशि पर शनि की ढैय्या 24 जनवरी 2020 से आरंभ हुई थी. शनि की ढैय्या के कारण मिथुन राशि के जातकों को मानसिक तनाव, धनहानि, रोग, कार्य में बाधा जैसी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है. इसलिए शनि का उपाय करना बहुत जरूरी हो जाता है. नवरात्रि में शनि का उपाय करने से शनि की अशुभता को कम किया जा सकता है. नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की पूजा करने से शनि शांत होते हैं.


तुला राशि: तुला राशि पर इस वर्ष शनि का चौथा ढैय्या चल रहा है. इस स्थिति में तुला राशि वालों को मानसिक परेशानी हो सकती है. शनि की ढैय्या के कारण शत्रु भी सक्रिय हो सकते हैं और हानि पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं. इसलिए सावधान रहने की जरूरत है. तुला राशि वालों को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए यदि कोई पुराना रोग है तो किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें. जॉब और बिजनेस में इस दौरान हानि उठानी पड़ सकती है. इसलिए शनि का उपाय जरूर करें. नवरात्रि में सप्तमी, अष्टमी और नवमी की तिथि में मां दुर्गा की पूजा करने से लाभ मिलता है.


मां दुर्गा का नवार्ण मंत्र का जाप करें


ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे: मां दुर्गा का यह चमत्कारी मंत्र है. नवरात्रि के दिनों में इस मंत्र का जाप करने से नवग्रहों की अशुभता को दूर किया जा सकता है. नौ अक्षर होने के कारण ही इस मंत्र का नवार्ण मंत्र कहा जाता है. इसके हर एक अक्षर में अलग अलग ग्रहों को शांत करने की क्षमता बताई है. मां दुर्गा सभी ग्रहों को नियंत्रित करने की क्षमता रखती हैं. इस मंत्र नित्य जाप किया जा सकता है.


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