Taurus and Libra: वृष राशि और तुला राशि का स्वामी शुक्र है. जन्म कुंडली में यदि शुक्र की स्थिति मजबूत हो और शुभ भाव में विराजमान हो तो यह जीवन में हर प्रकार के ऐशो आराम प्रदान करता है. मीन राशि में उच्च और कन्या राशि में शुक्र नीच का माना जाता है.
शुक्र ग्रह सौर मंडल में सूर्य के बाद दूसरा ग्रह है और यह चंद्रमा के बाद रात में चमकने वाला दूसरा ग्रह है. शुक्र ग्रह को पृथ्वी का जुड़वा और बहन भी कहा जाता है. क्योंकि इस ग्रह का आकार पृथ्वी से मिलता जुलता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है. शुक्र भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग विलास, लोकप्रियता, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम वासना, फिल्म और फैशन डिजाइनिंग आदि का कारक माना गया है. बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र हैं. सूर्य और चंद्रमा से शुक्र की शत्रुता है.
शुक्र अशुभ है ऐसे लगाएं पता
वृष और तुला राशि में जब शुक्र अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को सुख सुविधाओं से जुड़ी परेशानी आती हैं. वहीं वाणी भी खराब होती है. शुक्र प्रधान कार्यों में बाधा और असफलता मिलने लगती हैं. अपयश प्राप्त होने लगता है. जीवन साथी से संबंध खराब होने लगते हैं. प्रेम की कमी आने लगती है. धन का संकट खड़ा हो जाता है. व्यक्ति की सुदंरता भी कम होने लगती है. प्रेम के मामले में असफलता मिलती है. इस प्रकार के लक्षण नजर आने लगें तो समझ लेना चाहिए कि कहीं न कहीं शुक्र अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं.
शुक्र की अशुभता को दूर करने के उपाय
वृष राशि और तुला राशि वाले शुक्र की अशुभता को दूर सकते हैं. सफेद वस्त्रों के दान से शुक्र की अशुभता दूर करने में मदद मिलती है. वहीं शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. चींटियों को आटा देना चाहिए और गाय की सेवा करने से भी शुक्र की अशुभता दूर होती है.