(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ravi Pradosh Vrat: कष्टों से मुक्ति दिलाता है रवि प्रदोष व्रत, जानें इस व्रत से जुड़े महत्वपूर्ण नियम
Ravi Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत करने से सारे दोष और कष्ट मिट जाते हैं. इस दिन किए गए पूजा-पाठ का बहुत फल मिलता है. जानते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन किस विधि से शंकर भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है.
Ravi Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत का दिन भोलेनाथ को समर्पित होता है. शिव पूजन के लिए यह दिन बहुत खास माना जाता है. इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए उनका व्रत रखते हैं. प्रदोष का अर्थ होता है संध्याकाल. यह समय भगवान शिव को बहुत प्रिय माना जाता है. माना जाता है कि भोलेनाथ प्रदोष काल में सभी देवी-देवताओं के साथ कैलाश पर नृत्य करते हैं.
प्रदोष व्रत के दिन पूजा का दोगुना फल मिलता है. कल यानी 5 मई को प्रदोष व्रत किया जाएगा. रविवार पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष कहा जाएगा. जानते हैं कि इस दिन किस पूजन विधि से शंकर भगवान की कृपा प्राप्त की जा सकती है.
प्रदोष व्रत से जुड़े नियम (Pradosh Vrat Niyam)
- प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में पूरी श्रद्धा के साथ शंकर भगवान की पूजा करनी चााहिए. इस दिन शिवलिंग पर घी, शहद, दूध, दही, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा और आक के फूल चढ़ाएं. इस दिन भोलेनाथ को घी, शक्कर और गेहूं के आटे से बना भोग अर्पित करना चाहिए.
- इस दिन शिव चालीसा का पाठ करने के साथ ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना फलदायी रहता है. इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी शिव को प्रसन्न करने का अच्छा उपाय माना जाता है.
- प्रदोष व्रत के दिन सेवा और दान करने से भी शंकर भगवान प्रसन्न होते हैं. इस दिन जरूरतमंदों की सहायता करना चाहिए. भोलेनाथ के नाम पर अन्न, वस्त्र, या धन का दान करना भी बहुत पुण्यदायी होता है.
- प्रदोष व्रत के दिन शंकर भगवान की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. इस समय की गई पूजा शुभ फलदायी मानी जाती है.
- इस दिन शिव मंदिर में जाकर शिव रक्षा स्त्रोत का पाठ करें. इससे भोलेनाथ प्रसन्न होकर सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस पाठ को करने से सारी आर्थिक दिक्कतें भी दूर होती हैं.
- प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखकर रुद्राभिषेक करने से विवाह में आ रही सारी अड़चनें दूर होती हैं और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.
- प्रदोष व्रत के दिन मांस, मदिरा और लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन झूठ बोलने से बचना चाहिए और किसी को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए. प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
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