Republic Day 2023: 26 जनवरी 2023 को भारत अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. यह वास्तव में प्रसन्नता और गर्व का विषय है कि, इतने लंबे समय से हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के वाहक बने हुए हैं. 15 अगस्त 1947 को हमारे देश ने आजादी की सांस ली. इसके पीछे कई रणबांकुरोओं का योगदान और बलिदान है, जिसे हम कभी भुला नहीं सकते हैं.
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और इसके बाद भारत एक गणराज्य बन गया. यह संघीय राज्य का राष्ट्र, जिसे हम भारत के नाम से जानते हैं, प्राचीन काल से ही अस्तित्व में रहा है. ना जाने कितने लोग आए और इसको तबाह करने का प्रयास करके स्वयं नष्ट हो गए, लेकिन इसका वजूद बना रहा. यही भारत की सबसे बड़ी मजबूती है.
भारतवर्ष की प्राचीन राशि है मकर
जब हम किसी देश के जन्म की बात करते हैं तो यह देखना होता है कि वह देश कब बना. लेकिन जब बात भारत की हो तो यह कहना मुश्किल है कि वह कब बना, क्योंकि भारत का इतिहास अति प्राचीन है. जंबूद्वीपे भरतखंडे की अवधारणा के अनुसार, प्राचीन काल से भारतवर्ष रहा है और भारत की प्रभाव राशि मकर राशि मानी गई है.
लेकिन हमारे देश पर अनेक बर्बर आक्रांताओं ने हमला किया. इसके बाद लगभग 200 वर्ष तक हमारा देश अंग्रेजों के अधीन रहा. फिर बाद में नए युग का सूत्रपात हुआ और हमारे रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत को स्वतंत्र कराया और तब से 15 अगस्त 1947 का दिन भारत की स्वतंत्रता का दिन मान कर स्वतंत्र भारत के जन्म का दिन मनाया जाता है.
ज्योतिषियों के अनुसार निकाला गया था भारत की आजादी का मुहूर्त
अंग्रेजों ने भारत को जो समय दिया था, उसमें उस समय के विद्वान लोगों ने ज्योतिषियों से पूछ कर ही भारत की आजादी का सही मुहूर्त निकाला था. जल्दबाजी में पाकिस्तान ने 14 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मना लिया और उसका नतीजा हम आज भी देख रहे हैं. इसके विपरीत, 15 अगस्त 1947 का दिन भी ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कोई बहुत शुभ योग नहीं बना रहा था.
इस पर भी वैदिक ज्योतिष को मानने वाले महान ज्योतिषियों ने अपनी मेधा और प्रतिभा से उस बुरे वक्त में से भी अच्छे से अच्छा समय निकालकर भारत को आजादी के जन्म का समय निश्चित कर दिया और उसी के अनुसार, 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को भारत आजाद हुआ, जिसे हम स्वतंत्र भारत कहते हैं और ज्योतिषीय गणना के लिए हम इसे स्वतंत्र भारत की कुंडली कहते हैं. इसके आधार पर देश से संबंधित कई घटनाओं के बारे में बताया जाता है.
वृषभ लग्न और कर्क राशि की है भारत की कुंडली
भारत की कुंडली वृषभ लग्न और कर्क राशि की है. यदि वर्तमान में 17 जनवरी को हुए शनि के गोचर को देखें तो वह कर्क राशि से अष्टम भाव में और लग्न राशि तुला से पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं और बृहस्पति का गोचर कर्क राशि से नवम भाव तथा वृषभ लग्न से छठे भाव में चल रहा है. एक अन्य महत्वपूर्ण ग्रह राहु लग्न से सप्तम भाव और चंद्र राशि से दशम भाव में गोचर कर रहा है.
अभी भारत की कुंडली में चंद्रमा की महादशा चल रही है जिसकी अंतर्दशा जुलाई के दूसरे सप्ताह तक केतु की और उसके बाद चंद्रमा की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा का प्रभाव वर्ष 2023 में रहने वाला है. इन सभी ग्रह गोचर और ग्रह दशाओं को ध्यान में रखते हुए यदि 26 जनवरी 2023 के भारत के लिए भविष्य को देखें तो सर्वप्रथम यह कहेंगे कि न्याय के देवता शनि के प्रबल होने के कारण देश में न्याय व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के लिए प्रयास किए जाएंगे.
आने वाले समय में जनता इस बात की साक्षी बनेगी की न्यायपालिका द्वारा कुछ कठिन और महत्वपूर्ण निर्णय दिए जाएंगे. इतना ही नहीं, सरकार द्वारा भी कुछ नए कानूनों को पारित किया जाएगा जो कठिन या कठोर प्रकृति के हो सकते हैं लेकिन अच्छी न्याय व्यवस्था के लिए आवश्यक होंगे.
74वें गणतंत्र दिवस को लेकर क्या है ग्रहों की स्थिति और फलकथन
- ग्रहों की स्थिति यह भी बताती है कि भारतीय आम जनमानस के लिहाज से कुछ अच्छी स्कीम लांच की जा सकती है.
- यह समय देश में रिसर्च और प्रौद्योगिकी को बढ़ाने वाला तथा इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ोतरी का समय रहेगा.
- भारतवर्ष की ग्रोथ धीमी मगर सुनियोजित होगी और वर्ष 2023 के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में दिखाई देगी.
- कार्यप्रणाली में और भी अधिक पारदर्शिता दिखाई देगी. देश में शैक्षिक संस्थाओं पर ध्यान दिया जाएगा और चिकित्सा सेवाओं को दुरुस्त करने पर भी मुख्य ध्यान रहेगा.
- देश में आंतरिक संघर्ष की बढ़ोतरी हो सकती है. लेकिन विदेशी सहयोग जारी रहेगा.
- सीमावर्ती देशों से भारत के ऊपर लगातार दबाव बना रहेगा और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत को प्रतिबद्ध होना होगा.
- भारत को आंतरिक संघर्ष के प्रति भी सावधानी रखनी होगी और देश में कुछ ऐसे कार्यों पर विशेष निगाह रखनी होगी जिनमें कुछ विदेशी देश या विदेशी ताकतें देश में जासूसी करा सकती हैं.
- गुप्तचर व्यवस्था को मजबूत बनाना और कर प्रणाली को दुरुस्त करना मुख्य केंद्र बिंदु होंगे.
- कमजोर वर्ग को शिक्षा प्रदान करने के लिए कोई नई शिक्षा नीति या योजना शुरू की जा सकती है.
- देश में सेना को बल देने के लिए नए संसाधनों की खरीद-फरोख्त और देश में उनके निर्माण की बढ़ोतरी हो सकती है.
- धर्म और अध्यात्म के प्रति लोगों में आस्था बढ़ेगी और धार्मिक स्थलों के निर्माण व पुनरुद्धार पर ध्यान दिया जाएगा.
- विदेशी व्यापार प्रबल होगा और भारत को भरपूर विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी.
- जमीन से उगने वाली वनस्पतियों की वृद्धि होगी और देश में इनका भंडार पर्याप्त होगा लेकिन वर्षा आधारित अनाज को लेकर चिंता भी होगी.
इस प्रकार यह कह सकते हैं कि वर्ष 2023 भारत को एक नए युग की ओर लेकर जाएगा, जहां थोड़ा सा भय भी रहेगा क्योंकि भारत के आसपास का वातावरण अशांत रहेगा. परंतु भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. दुनिया में भारत की स्थिति मजबूत रहेगी.
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