Sagittarius Zodiac Nature Traits: ज्योतिष शास्त्र में हर राशियों के स्वभाव के बारे में बताया गया है. 12 राशियों के क्रम में धनु राशि 9वीं राशि है. इसका प्रतीक धनुष लिए हुए मनुष्य और आधे घोड़े के समान होता है. इनका स्वामी बृहस्पति ग्रह होता है. ये लोग रोमांस के बजाय रोमांच में अधिक रुचि लेते हैं. आइये जानें इनमें और क्या विशेषताएं होती हैं?
धनु राशि के जातकों का स्वभाव और विशेषताएं
- धनु राशि के जातक साहसी और निडर होने के साथ-साथ धार्मिक प्रवृति के भी होते हैं. हालंकि ये लोग धर्म के अंध विश्वासी नहीं होते हैं. धर्म में भी विवेक का इस्तेमाल करते हैं.
- धनु राशि के स्वामी ग्रह देव गुरु बृहस्पति हैं. इसलिए इन पर गुरु का विशेष प्रभाव होता है. इस लिए ये लोग बुद्धिमान, प्रतिभाशाली और विवेकवान होते हैं.
- धनु राशि के जातक साहसी और मेहनती होते हैं. ये हार मानने वालों में से नहीं होते हैं. सफलता के लिए जी जान लगा देते हैं.
- ये लोग बेहद ईमानदार, मर्यादित, दूसरों का विश्वास हासिल करने वाले और दूसरों की भलाई करने वाले होते हैं. स्पष्टवादिता इनकी आदत है.
- धनु राशि वाले काफी सोच विषार कर निर्णय लेते हैं. इसलिए कभी –कभी देर से निर्णय लेने के कारण इन्हें हानि उठानी पड़ जाती है.
- धनु राशि के लोग महत्वाकांक्षी होते हैं. ये लोग जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं जो कि इनकी तरक्की का मूल मंत्र है.
- ज्योतिष के अनुसार, प्रेम जीवन में धनु राशि के जातक आजाद ख्याल यानी खुले विचारों वाले और बड़े दिल वाले होते हैं.
जीवन के इन वर्षों में होता है भाग्योदय
धनु राशि के जातकों का भाग्योदय उनके जीवन के 22 वर्ष की आयु में, 24 वर्ष की आयु में, 28 वर्ष की आयु में या 32 वर्ष की आयु में होता है. इन वर्षों के दौरान इनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों में सफलता मिलती है.
धनु राशि के भाग्योदय मंत्र
धनु राशि वाले जातकों को जीवन में तरक्की करने के लिए ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रों सूर्याय नम:’, ”ऊँ खोल्काय नमः” व “ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम:” मंत्र का जप करना चाहिए.
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