Sakat Chauth 2023 Date: हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय माना गया है. इन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है. भगवान गणेश अपने भक्तों के सभी विघ्न हर लेते हैं इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. भगवान गणेश के लिए किए जाने वाले व्रतों में संकष्टी चतुर्थी व्रत काफी प्रचलित है. इसे सकट चौथ या तिल कूट चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन चौथ माता के रूप में मां पार्वती और भगवान श्री गणेश का पूजन किया जाता है. इस दिन माताएं संतान की दीर्घ आयु और परिवार की सुरक्षा के लिए व्रत रखती हैं. इस व्रत का पारण रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद ही किया जाता है. सकट चौथ की पूजा में कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में.


सकट चौथ की पूजा में बरतें ये सावधानियां



  • सकट चौथ का व्रत करते समय महिलाएं भूल से भी काले रंग के वस्त्र धारण न करें. हिंदू धर्म में पूजन या शुभ कार्यों के दौरान काले रंग का प्रयोग न करें. इस दिन कोशिश करें पीला या लाल रंग के कपड़े पहने. इस तरह के रंग पहनना शुभ फलदायी होता है. 

  • सकट चौथ की पूजा के दौरान गणेश भगवान को भूल कर भी तुलसी पत्र अर्पित न करें. पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी ने तुलसी जी को श्राप दिया था और अपनी पूजा में तुलसी पत्र चढ़ाने से मना कर दिया था. गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए दूर्वा अर्पित करें. 

  • इस दिन भगवान गणेश का पूजन करने का विधान है. इसलिए सकट चौथ के दिन भूल कर भी उनकी सवारी मूषक या चूहे को सताएं नहीं. ऐसा करने से भगवान गणेश नाराज हो सकते हैं.

  • गणेश जी के व्रत के दिन चंद्र दर्शन करना और चंद्रमा को अर्घ्य देना न भूलें. इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत को पूर्ण माना जाता है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन भूलकर भी न करें. 

  • सकट पूजा के दौरान चंद्रमा को जल में दूध और अक्षत मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए. लेकिन अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान रखें कि जल की छींटे पैरों पर नहीं पड़ें. 


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