Sakat Chauth 2023 Moon Time Highlights: सकट चौथ पर चंद्र दर्शन न हो तो क्या करें? यहां जानें
Sakat Chauth 2023 Moon Time Live: सकट पूजा का समय शुरू हो चुका है. दिल्ली, लखनऊ, पटना, मुंबई सहित अन्य महानगरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं. जानते हैं पूजा का सही मुहूर्त-
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Sakat Chauth Vrat 2023 Live: सकट चौथ का व्रत बहुत ही पवित्र और जीवन में विशेष पुण्य प्रदान करने वाला एक व्रत है. आज साल 2023 की पहली चतुर्थी है. इस दिन विशेष संयोग बन रहे हैं जो इस व्रत के महत्व को बढ़ा रहे हैं. यहां पर आप पढ़ेगें इस व्रत से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी.
सकट चौथ व्रत का महत्च (Sakat Chauth Vrat Importance)
पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी प्रकार के संकट मिट जाते हैं. धार्मिक ग्रंथों में गणेश जी को विघ्नहर्ता भी बताया गया है. इस व्रत को कोई भी रख सकता है.
संतान के लिए सकट चौथ का व्रत उत्तम माना गया है. मान्यता है कि इस व्रत को विधि पूर्वक करने से संतान योग्य बनती है और उसके जीवन में आने वाले कष्ट दूर होते हैं. इसके साथ ही ये व्रत सभी मनोकमानाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है. इस दिन गणेश जी की पूजा करने से घर परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. परिवार के लोगों की तरक्की होती है. धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं.
सकट चौथ: पूजा विधि (Sakat Chauth Puja Vidhi)
सकट चौथ की पूजा का वर्णन नारद पुराण में मिलता है. एक पौराणिक कथा के अनुसार जब महाभारत काल में पांडव वनवास पर थे, तब महर्षि वेद व्यास जी ने पांडवों को इस व्रत के महामात्य के बारे में बताया था. इसके बाद पांडवों ने विधि पूर्वक इस पूजा को किया. माना जाता है कि द्रौपदी ने इस व्रत को बड़े ही श्रद्धा भाव से किया था, जिसके बाद पांडवों को सभी प्रकार की बाधा और परेशानियों से मुक्ति मिली थी.
माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का महत्व
पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने में गणेश चतुर्थी आती है. लेकिन स्कंद पुराण के अनुसार माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी सबसे अधिक कल्याणकारी और प्रभावशाली बतायी गई है.
गणेश जी की पूजा (Ganesh Puja)
शास्त्रों में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है. यही कारण है कि जब भी कोई शुभ और मांगलिक कार्य करते है तो सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा की जाती है. उत्तर भारत में माघ मास में कष्ण पक्ष की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी सकट चौथ के नाम से जानी जाती है. इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व है.
सकट चौथ 2023 मुहूर्त (Sakat Chauth 2023 Muhurat)
- माघ कृष्ण सकट चतुर्थी तिथि शुरू - 10 जनवरी 2023, दोपहर 12. 09
- माघ कृष्ण सकट चतुर्थी तिथि समाप्त - 11 जनवरी 2023, दोपहर 2.31
- अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:13 - दोपहर 12:55
- गणेश जी की पूजा (शाम का मुहूर्त) - शाम 05:49 - शाम 06:16
- चांद निकलने का समय - रात 8 बजकर 50 मिनट (10 जनवरी 2023)
सकट चौथ 2023 शुभ योग (Sakat Chauth 2023 Shubh yoga)
आज तीन प्रीति, आयुष्मान और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. शास्त्रों के अनुसार माघ माह की चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने अपने माता-पिता की परिक्रमा कर अपनी तेज बुद्धि का परिचय दिया था. ऐसे में इन तीन खास योग में सकट चौथ व्रत में गजानन जी की उपासना करने से संतान की बुद्धि और बल में बढ़ोत्तरी होगी.
- प्रीति योग - 9 जनवरी 2023, सुबह 10.32 - 10 जनवरी 2023, 11.20
- आयुष्मान योग - 10 जनवरी 2023, 11.20 - 11 जनवरी 2023, दोपहर 12.02
- सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 07.17 - सुबह 09.01 (10 जनवरी 2023)
सकट चौथ पर चंद्र दर्शन न हो तो क्या करें
सकट चौथ में व्रत खोलने के लिए चंद्रमा दर्शन और पूजन को जरूरी माना गया है. लेकिन कई बार आसमान में बादल छाए रहने या फिर धुंध के कारण चंद्र दर्शन नहीं हो पाता. ऐसी स्थिति में क्या करें?
- चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर अक्षत से चंद्रमा की आकृति बनाएं और इसके दर्शन-पूजन करें.
- आप भगवान शिव के माथे पर विराजमान चंद्रमा के भी दर्शन कर पारण कर सकते हैं.
- यदि दूसरे शहर में चंद्रमा दर्शन हो रहा है तो वहां की तस्वीर मंगवाकर भी दर्शन कर लें.
- यदि यह सब किसी कारण से संभव न हो तो आप बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर भी अपना व्रत खोल सकते हैं, इसमें कोई दोष नहीं लगेगा.
सकट चौथ व्रत के पारण में सबसे पहले क्या खाएं
सकट चौथ में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद शकरकंद खाकर व्रत का पारण किया जाता है. वहीं कुछ लोग प्रसाद खाकर भी व्रत खोलते हैं.
सकट चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने की विधि
सकट चौथ पर रात्रि में चंद्रोदय के बाद सबसे पहले रोली, चंदन,शहद, फूल, दूध और जल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल के छीटें पैरे में न पड़े. अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत खोलें.
द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही सकट चौथ का व्रत सफल और संपूर्ण माना जाता है. इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है और संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है. वहीं ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है. ऐसे में चंद्रमा को अर्घ्य देने से मन में आ रही नकारात्मक विचार दूर होते हैं और कुंडली में भी चंद्र दोष दूर होता है.
नहीं कर सकते मंत्रों का उच्चारण तो जप लीजिए भगवान गणेश के 12 नाम
सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र और गजानन.
चंद्रमा को अर्घ्य देने के मंत्र (Chandra Arghya Mantra)
क्षीरोदार्णवसम्भूत अत्रिगोत्रसमुद् भव ।
गृहाणार्ध्यं शशांकेदं रोहिण्य सहितो मम ।।