Sakat Chauth 2023 Moon Time Highlights: सकट चौथ पर चंद्र दर्शन न हो तो क्या करें? यहां जानें
Sakat Chauth 2023 Moon Time Live: सकट पूजा का समय शुरू हो चुका है. दिल्ली, लखनऊ, पटना, मुंबई सहित अन्य महानगरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं. जानते हैं पूजा का सही मुहूर्त-
सकट चौथ में व्रत खोलने के लिए चंद्रमा दर्शन और पूजन को जरूरी माना गया है. लेकिन कई बार आसमान में बादल छाए रहने या फिर धुंध के कारण चंद्र दर्शन नहीं हो पाता. ऐसी स्थिति में क्या करें?
- चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर अक्षत से चंद्रमा की आकृति बनाएं और इसके दर्शन-पूजन करें.
- आप भगवान शिव के माथे पर विराजमान चंद्रमा के भी दर्शन कर पारण कर सकते हैं.
- यदि दूसरे शहर में चंद्रमा दर्शन हो रहा है तो वहां की तस्वीर मंगवाकर भी दर्शन कर लें.
- यदि यह सब किसी कारण से संभव न हो तो आप बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर भी अपना व्रत खोल सकते हैं, इसमें कोई दोष नहीं लगेगा.
सकट चौथ में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद शकरकंद खाकर व्रत का पारण किया जाता है. वहीं कुछ लोग प्रसाद खाकर भी व्रत खोलते हैं.
सकट चौथ पर रात्रि में चंद्रोदय के बाद सबसे पहले रोली, चंदन,शहद, फूल, दूध और जल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल के छीटें पैरे में न पड़े. अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत खोलें.
द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही सकट चौथ का व्रत सफल और संपूर्ण माना जाता है. इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है और संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है. वहीं ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है. ऐसे में चंद्रमा को अर्घ्य देने से मन में आ रही नकारात्मक विचार दूर होते हैं और कुंडली में भी चंद्र दोष दूर होता है.
सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र और गजानन.
क्षीरोदार्णवसम्भूत अत्रिगोत्रसमुद् भव ।
गृहाणार्ध्यं शशांकेदं रोहिण्य सहितो मम ।।
बड़ा सिर: नेतृत्व का प्रतीक
चौड़ा माथा- बुद्धिमता का प्रतीक
लंबी सूंड- कार्यकुशलता का प्रतीक
एक दांत- बुरी चीजों का त्याग और अच्छी चीजों का सदुपयोग
बड़ा पेट- सबकुछ स्वीकारने का प्रतीक
छोटा मुख- कम बोलने का प्रतीक
बड़े कान- बेहतरीन श्रवणशक्ति का प्रतीक
चार भुजाएं- मन, बुद्धि, अहंकार और विवेक का प्रतीक
छोटी आंखें- एकाग्रता और सूक्ष्म दृष्टि का प्रतीक
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं।
अमेयाय च हेरंब परशुधारकाय ते।
एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः।
एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात।।
चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए- दूध, गंगाजल, शुद्ध जल, कलश, शहद, आदि. पूजा के लिए- फूल, अक्षत और धूप-दीप.
सकट चौथ की पूजा में लकड़ी की चौकी, पीला कपड़ा, जनेऊ, सुपारी, पान का पत्ता, लौंग, इलायची, गंगाजल, गणपति की मूर्ति, फूल, दूर्वा, रोली, कुमकुम, इत्र, मौली, घी, धूप-दीप, हल्दी, अक्षत, तिल के लड्डू, मोदक, मौसमी फल. व्रत कथा की पुस्तक आदि की आवश्यता होती है.
सकट चौथ पर चंद्रोदय के बाद दूध, जल और अक्षत से चंद्रमा को अर्ध्य दें और धूप-दीप दिखाकर पूजा करें. चंद्रमा पूजन के बिना सकट चौथ का व्रत संपन्न नहीं माना जाता है.
सकट चौथ में सुबह की तरह सांयकाल यानी संध्या में भी भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करें और फिर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करें.
- नई दिल्ली (New Delhi): 08:41 PM
- नोएडा (Noida): 08:41 PM
- आगरा (Agra): 08:40 PM
- लखनऊ (Lucknow): 08:28 PM
- कानपुर (Kanpur): 08:31 PM
- गुरुग्राम (Gurugram): 08:42 PM
- कुरुक्षेत्र (Kurukshetra): 08:40 PM
- मु्म्बई (Mumbai): 09:13 PM
- पुणे (Pune): 09:09 PM
- नागपुर (Nagpur): 08:44 PM
- चेन्नई (Chennai): 08:50 PM
- अहमदाबाद (Ahmedabad): 09:08 PM
- जयपुर (Jaipur): 08:50 PM
- पटना (Patna): 08:13 PM
- रांची (Ranchi): 08:15 PM
- वाराणसी (Varanasi): 08:22 PM
- बरेली (Bareilly): 08:32 PM
- भोपाल (Bhopal): 08:48 PM
- चंडीगढ़ (Chandigarh): 08:39 PM
- बेंगलुरु (Bengaluru): 09:01 PM
- जम्मू (Jammu): 08:44 PM
सकट चौथ 2023 पर बिहार के पटना में रात 08 बजकर 13 मिनट पर चंद्रोदय होगा. चांद निकलने पर व्रती चंद्र को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण कर सकेंगी.
सकट पूजा का मुहूर्त (Sakat Chauth 2023 Muhurat)
- गणेश जी की पूजा (शाम का मुहूर्त) - शाम 05:49 - शाम 06:16
- चांद निकलने का समय - रात 8 बजकर 50 मिनट (10 जनवरी 2023)
- ॐ गं गणपतये नम:
- ॐ वक्रतुण्डाय हुं
- ॐ मेघोत्काय स्वाहा
- ॐ एकदंताय नमः
- ॐ मूषक वाहन आए नमः
- ॐ विघ्ननाशय नमः
- श्री मन्महागणाधिपतये नमः
वैदिक पंचांग के अनुसार, सकट चौथ पर आज माघ कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को प्रीति, आयुष्मान, आनंद और बुधादिय्य जैसे शुभ योग बने हैं. साथ ही आज चतुर्थी और मंगलवार का दिन पड़ने के कारण अंगारक चतुर्थी का शुभ संयोग भी है. यही कारण है कि आज के सकट चौथ व्रत को बहुत ही खास माना जा रहा है.
माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ने वाली सकट चौथ का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इसी दिन माता पार्वती ने गणेशजी को प्रकट किया था. इस दिन भगवान गणेश के व्रत और पूजन से संतान को दीर्घायु और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है.साथ ही सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है.
सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को घी, तिल और गुड़ का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद स्वरूप श्रद्धापूर्वक ग्रहण करें. ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में मजबूती आती है और साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है.
- सकट चौथ के दिन भगवान गणेश के पास दो इलायची और दो सुपारी रखकर पूजा करें. इससे कार्य में आने वाली बाधाएं दूर होती है.
- उन्नति और तरक्की के लिए सकट चौथ पर गरीब और जरूरतमंदों में भोजन, अनाज और वस्त्र आदि का दान करें.
- 'इदं दुर्वादलं ॐ गं गणपतये नमः' इस मंत्र के साथ गणेश जी को दुर्वा चढ़ाएं. इससे भगवान गणेश से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
आज सकट चौथ पर सुबह की पूजा समाप्त होने के बाद सायंकाल की पूजा के लिए शाम 07:24 से रात 09:05 मिनट तक का समय शुभ रहेगा.
सकट चौथ पर भगवान गणेश को 11 या 21 दुर्वा जरूर चढ़ाएं. क्योंकि दुर्वा के बिना गणेशजी की पूजा अधूरी मानी जाती है.
- इस दिन ध्यान, जप और तप में अधिक समय लगाएं.
- सकट चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले तक निर्जला व्रत रखें.
- ध्यान रखें कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल के छीटें पैर में न पड़े.
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आवाहयामि
- अक्षत चढ़ाते समय- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आसनं समर्पयामि,
- जल चढ़ाते समय- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पाद्यं समर्पयामि
- पंचामृत चढ़ाते समय- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पंचामृत स्नानं समर्पयामि
- वस्त्र-मौली चढ़ाते समय- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः वस्त्र युग्मं समर्पयामि
- फूल चढ़ाते समय - ॐ सिद्धि विनायकाय नमः
- जनेऊ चढ़ाते समय- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः यज्ञोपवीतं धारयामि
- पूजा सामग्री चढ़ाते समय- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः गंधं धारयामि
आज सकट चौथ पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रात 08:28, कानपुर में रात 08:31, आगरा में रात 8:40, वाराणसी में रात 08:22 और बरेली में रात 08:32 पर चंद्रोदय होगा.
सकट चौथ पर भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति या तस्वीर में पूजा करनी चाहिए, जिसमें उनकी सूंड बाईं ओर हो. क्योंकि दक्षिण ओर सूंड यानी दक्षिणवर्ती सूंड वाले गणपति की पूजा में कठोर नियम होते हैं, जिनका पालन घर पर करना संभव नहीं होता है.
संकट हरो सबके गणेश
बस यही है कामना
जब-जब आए संकट में भक्त
हाथ देकर थामना
सकट चौथ 2023 की शुभकामनाएं
पार्वती के लाड़ले, शिवजी के प्यारे
लड्डू खा के जो मूषक सवारे
वो है गणेश देवा हमारे
भगवान गणेश को वैसे तो मोदक और लड्डू अतिप्रिय होते है. लेकिन सकट चौथ पर भगवान गणेश को मोदक और लड्डू के साथ ही तिल से बने पकवानों जैसे रेवड़ी,गजक आदि का भोग लगाना चाहिए इससे भगवान प्रसन्न होते हैं.
आज सकट चौथ पर व्रत और पूजन के साथ दान का भी महत्व होता है. इस दिन गजक,रेवड़ी,तिल-गुड़,अन्न, कंबल, ऊंनी कपड़े, सुगंधित फूल और पेड़-पौधों का दान करना शुभ होता है.
करवा चौथ की तरह ही सकट चौथ के पर्व में भी महिलाओं को चांद निकलने का इंतजार रहता है. इसमें भी चंद्र दर्शन और पूजन के बाद व्रत खोला जाता है. चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही सकट चौथ का व्रत सफल होता है. इससे संतान की आयु लंबी होती है.
आज सकट चौथ पर नई दिल्ली में रात्रि 08 बजकर 41 मिनट पर चंद्रोदय होगा. इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा की जाएगी और व्रत का पारण किया जाएगा.
सकट चौथ का व्रत संतान की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना हेतु रखा जाता है. इस दिन पूजा में गणेश चालीसा का पाठ जरूर करें. इससे संतान की आयु लंबी होती है और भगवान से सौभाग्य प्राप्ति का आशीर्वाद भी मिलता है.
बैकग्राउंड
Sakat Chauth Vrat 2023 Live: सकट चौथ का व्रत बहुत ही पवित्र और जीवन में विशेष पुण्य प्रदान करने वाला एक व्रत है. आज साल 2023 की पहली चतुर्थी है. इस दिन विशेष संयोग बन रहे हैं जो इस व्रत के महत्व को बढ़ा रहे हैं. यहां पर आप पढ़ेगें इस व्रत से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी.
सकट चौथ व्रत का महत्च (Sakat Chauth Vrat Importance)
पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी प्रकार के संकट मिट जाते हैं. धार्मिक ग्रंथों में गणेश जी को विघ्नहर्ता भी बताया गया है. इस व्रत को कोई भी रख सकता है.
संतान के लिए सकट चौथ का व्रत उत्तम माना गया है. मान्यता है कि इस व्रत को विधि पूर्वक करने से संतान योग्य बनती है और उसके जीवन में आने वाले कष्ट दूर होते हैं. इसके साथ ही ये व्रत सभी मनोकमानाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है. इस दिन गणेश जी की पूजा करने से घर परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. परिवार के लोगों की तरक्की होती है. धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं.
सकट चौथ: पूजा विधि (Sakat Chauth Puja Vidhi)
सकट चौथ की पूजा का वर्णन नारद पुराण में मिलता है. एक पौराणिक कथा के अनुसार जब महाभारत काल में पांडव वनवास पर थे, तब महर्षि वेद व्यास जी ने पांडवों को इस व्रत के महामात्य के बारे में बताया था. इसके बाद पांडवों ने विधि पूर्वक इस पूजा को किया. माना जाता है कि द्रौपदी ने इस व्रत को बड़े ही श्रद्धा भाव से किया था, जिसके बाद पांडवों को सभी प्रकार की बाधा और परेशानियों से मुक्ति मिली थी.
माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का महत्व
पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने में गणेश चतुर्थी आती है. लेकिन स्कंद पुराण के अनुसार माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी सबसे अधिक कल्याणकारी और प्रभावशाली बतायी गई है.
गणेश जी की पूजा (Ganesh Puja)
शास्त्रों में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है. यही कारण है कि जब भी कोई शुभ और मांगलिक कार्य करते है तो सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा की जाती है. उत्तर भारत में माघ मास में कष्ण पक्ष की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी सकट चौथ के नाम से जानी जाती है. इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व है.
सकट चौथ 2023 मुहूर्त (Sakat Chauth 2023 Muhurat)
- माघ कृष्ण सकट चतुर्थी तिथि शुरू - 10 जनवरी 2023, दोपहर 12. 09
- माघ कृष्ण सकट चतुर्थी तिथि समाप्त - 11 जनवरी 2023, दोपहर 2.31
- अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:13 - दोपहर 12:55
- गणेश जी की पूजा (शाम का मुहूर्त) - शाम 05:49 - शाम 06:16
- चांद निकलने का समय - रात 8 बजकर 50 मिनट (10 जनवरी 2023)
सकट चौथ 2023 शुभ योग (Sakat Chauth 2023 Shubh yoga)
आज तीन प्रीति, आयुष्मान और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. शास्त्रों के अनुसार माघ माह की चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने अपने माता-पिता की परिक्रमा कर अपनी तेज बुद्धि का परिचय दिया था. ऐसे में इन तीन खास योग में सकट चौथ व्रत में गजानन जी की उपासना करने से संतान की बुद्धि और बल में बढ़ोत्तरी होगी.
- प्रीति योग - 9 जनवरी 2023, सुबह 10.32 - 10 जनवरी 2023, 11.20
- आयुष्मान योग - 10 जनवरी 2023, 11.20 - 11 जनवरी 2023, दोपहर 12.02
- सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 07.17 - सुबह 09.01 (10 जनवरी 2023)
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