Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023: संकष्टी चतुर्थी पर आज क्या है चंद्रोदय का समय, किसी कारण न हो चंद्र दर्शन तो जानिए क्या करें?
Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023: आज बुधवार 7 जून को संकष्टी चतुर्थी का व्रत है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देने का भी महत्व है. इसके बाद ही व्रत खोला जाता है.
Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023: आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आज कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा गया है. इस बार बुधवार के दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत पड़ने से इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है. क्योंकि चतुर्थी तिथि और बुधवार का दिन दोनों ही भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है.
शास्त्रों में संकष्टी चतुर्थी व्रत की महिमा का उल्लेख मिलता है. इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से प्रथमपूज्य भगवान गणेश की पूजा की जाती है. लेकिन रात्रि में चंद्रमा दर्शन और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत संपन्न होता है. संकष्टी चतुर्थी व्रत की शुरुआत मंगलवार 06 जून रात्रि 12:50 से शुरू हो चुकी है और इसकी समाप्ति आज 07 जून रात 09:50 पर होगी. जानते हैं संकष्टी चतुर्थी चंद्रोदय का समय और चंद्र दर्शन का महत्व.
संकष्टी चतुर्थी पर चंद्र दर्शन का महत्व
संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा की जाती है और दिनभर व्रत रखा जाता है. इस दिन गणेश जी की पूजा के साथ ही चंद्र देव की पूजा का भी महत्व होता है. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है.इसलिए इस खास दिन पर चंद्र दर्शन का महत्व बढ़ जाता है. संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश और चंद्र देव की पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
आज संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय
चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना संकष्टी चतुर्थी की पूजा अधूरी मानी जाती है. इसलिए आज महिलाएं बेसब्री से चंद्रोदय का इंतजार करती हैं. बता दें कि आज चंद्रोदय का समय 9:50 तक रहेगा. लेकिन किसी कारण अगर आपके शहर में आज चंद्र दर्शन हो पाए तो जान लीजिए क्या करना चाहिए.
आज चंद्र दर्शन न हो तो क्या करें
संकष्टी चतुर्थी पर चंद्र दर्शन का विशेष महत्व होता है. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है. लेकिन बादल, बारिश या अन्य किसी कारण आज चंद्र दर्शन न हो पाए तो ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए यह जान लीजिए.
- चंद्र दर्शन न हो तो आप शुभ मुहूर्त पर ही एक चौकी में लाल रंग का कपड़ा बिछाकर अक्षत से चांद की आकृति बनाकर चंद्रदेव की पूजा कर सकते हैं.
- अगर किसी अन्य शहर या क्षेत्र में चंद्रमा दिखाई दे रहा हो तो आप वहां की तस्वीर देखकर भी पूजा-दर्शन कर सकते हैं.
- चंद्रमा दिखाई न दें तो शिवजी के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य दिया जा सकता है.
- चंद्र दिखाई न दे तो घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर भी व्रत खोल सकते हैं.
- चंद्रमा दिखाई न तो अर्घ्य देने के लिए आप एक थाली में अक्षत से चंद्रमा की आकृति बनकर अर्घ्य दे सकते हैं.
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