Saphala Ekadashi Muhurat 2021: वर्ष 2021 की पहली एकादशी 9 जनवरी को पड़ रही है. पंचांग के अनुसार पौष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी कहते हैं. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं सफला एकादशी के बारे में-


सफला एकादशी व्रत का महत्व
सफला एकादशी व्रत को सभी व्रतों में महत्वपूर्ण माना गया है. एकादशी व्रत के महामात्य के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत काल में युधिष्ठिर और अर्जुन को बताया था. भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर युधिष्ठिर ने इस व्रत को किया था. एकादशी का व्रत सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाता है. एकादशी का व्रत मोक्ष प्रदान करता है.


इस बार दो सफला एकादशी हैं
वर्ष 2021 में दो सफला एकादशी पड़ रही है. पहली सफला एकादशी 9 जनवरी और दूसरी सफला एकादशी 30 दिसंबर को पड़ेगी. सफला एकादशी का व्रत रखने से पितृ प्रसन्न होते हैं. और पितृ दोष संबंधी दिक्कतों से मुक्ति मिलती है. विशेष बात ये है कि पहली एकादशी खरमास के दौरान पड़ रहा है. खरमास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. इसलिए इस एकादशी पर की जाने वाली पूजा और व्रत का विशेष पुण्य प्राप्त होता है.


एकादशी व्रत और पूजा की विधि
सफला एकादशी पर सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और उन्हें पीले रंग की वस्तुओं का अर्पण करना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के वस्तु और फूल चढ़ाने चाहिए. इसके बाद भगवान लक्ष्मीनारायण की आरती करनी चाहिए. इस दिन दान भी कर सकते हैं.


लक्ष्मी जी का मिलता है आर्शीवाद
एकादशी व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. यह व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण करता है और लक्ष्मी जी का भी आर्शीवाद प्राप्त होता है. जिससे धन संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं.


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