Shani Dev , Neelam Stone : शनि देव को कलियुग में कर्मफलदाता माना गया है. यानि व्यक्ति जैसे कर्म करता है, उसका हिसाब शनि करते हैं और शुभ-अशुभ फलों के मुताबिक फल प्रदान करते हैं. इसलिए शनि को कर्मफलदाता कहा जाता है.
शनि का आशीर्वाद जीवन में बहुत जरूरी माना गया है. शनि की चाल बेहद धीमी मानी गई है. शनि एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग ढाई वर्ष का समय लेते हैं. यही कारण है कि जब शनि अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को लंबे समय तक परेशान करते हैं. शनि की अशुभता को दूर करने के लिए शनि के रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है. शनि का रत्न कौन सा है आइए जानते हैं-
नीलम के बारे में जान लें जरूरी बातें (Neelam Ratan Benefits)
नीलम रत्न (Blue Sapphire Benefits) के बारे में कहा जाता है कि ये रत्न अगर किसी को सूट करता है तो उसे रंक से राजा बना देता है. यह रत्न शनि देव को समर्पित है. इसे हर कोई धारण नहीं कर सकता. लेकिन अगर नीलम किसी को सूट नहीं करता तो ये राजा से रंक बनाने में भी देर नहीं लगाता. ज्योतिष के अनुसार नीलम रत्न (Blue Sapphire) धारण करने से पहले कुंडली दिखाकर ज्योतिष की सलाह लेना बहुत जरूरी है.
इस राशि के लोग सलाह लेकर पहन सकते हैं शनि का रत्न
वृषभ राशि के जातक बिना किसी संदेह नीलम रत्न धारण कर सकते हैं. लेकिन फिर भी एक बार पहनने से पहले अपने ज्योतिष से कुंडली दिखाना जरूरी होता है. वहीं, कन्या राशि के जातकों को नीलम धारण करने से न फायदा होगा और न ही नुकसान. वहीं, तुला राशि के जातकों के लिए भी नीलम शुभ फलदायी है. मकर राशि के लोगों के लिए नीलम रत्न से ज्यादा शुभ और कोई रत्न नहीं हो सकता. कुंभ राशि के लिए भी नीलम उत्तम रत्न में से एक है.
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