(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shani Mangal: कुंभ राशि में कर्मफलदाता 'शनि' और ग्रहों के सेनापति 'मंगल' की युति इन राशि वालों के दांपत्य जीवन में डाल सकती है खटास
Saturn and Mars transit in Aquarius : कुंभ राशि शनि की अपनी राशि है, लेकिन यहां पर मंगल भी विराजमान है. यानि शनि और मंगल की युति. ये क्या फल देगी, जानते हैं राशिफल.
Shani Mangal Yuti : शनि को ज्योतिष शास्त्र में कर्मफलदाता, न्यायाधीश और कलियुग का दंडाधिकारी भी कहा गया है. वहीं मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा गया है. मंगल का संबंध हमारे साहस और ऊर्जा से है. ये दोनों ही ग्रह वर्तमान समय में कुंभ राशि में विराजमान है. कुंभ राशि एक स्थिर स्वभाव की राशि है. कुंभ को वायु तत्व की राशि माना गया है. कुंभ राशि का स्वामी शनि देव को माना गया है. कुंभ राशि में मंगल और शनि की युति क्या फल प्रदान करती है और ये किन राशियों को अशुभ फल प्रदान करती है, आइए जानते हैं-
कुंभ राशि किसकी होती है (Aquarius)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों का नाम गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो और दा से आरंभ होता है, उसकी राशि कुंभ कहलाती है. इस राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दो चरण, चार चरण शतभिषा नक्षत्र और पूर्वा भाद्रपद के तीन चरण शामिल हैं.
कुंभ राशि का स्वभाव (nature of aquarius)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ राशि वाले बहुत ही दयालु प्रवृत्ति के होते हैं. इनसे दूसरों का कष्ट नहीं देखा जाता है. ये अपने शत्रु की भी मदद करने के लिए तैयार हो जाते हैं. ये धर्मिक कार्यों में रूचि लेते हैं. जीवन में इस राशि के लोग उच्च शिक्षा और ज्ञान प्राप्त कर बड़ी सफलता हासिल करते हैं. ये मानवता की सेवा करते हैं. ये लोकप्रिय और सम्मानित होते हैं.
शनि और मंगल का स्वभाव (saturn and mars conjunction)
ज्योतिष शास्त्र में शनि को परिश्रम और न्याय का कारक माना गया है, वहीं मंगल को साहस, युद्ध, ऊर्जा आदि का कारक माना गया है. शनि और मंगल की युति से व्यक्ति के स्वभाव में उग्रता और जड़ता देखी जाती है. मंगल और शनि अशुभ हों तो व्यक्ति जिद्दी हो जाता है. ऐसे लोगों के दांपत्य जीवन में भी दिक्कतें बनी रहती हैं. कुंभ राशि में मंगल और शनि के एक साथ आने से मेष, कर्क और वृश्चिक राशि वालों को बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है.
उपाय (remedy)
शनि और मंगल की अशुभता से बचने के लिए शनिवार और मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें. गलत संगत से दूर रहना चाहिए. क्रोध से बचना चाहिए.
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