Astrology: ज्योतिष शास्त्र के ग्रंथों में ग्रहों की गणना और स्थिति की विस्तार से चर्चा की गई है. ग्रह सभी 12 राशियों में अलग-अलग फल प्रदान करते हैं. वहीं इस बात को भी समझने की आवश्यकता पड़ती है कि कौन सा ग्रह किस राशि में विराजमान है. जीवन में जब अच्छा-बुरा घटित होता है तो कुंडली (Kundali) में इन सब बातों पर गौर किया जाता है.
ग्रहों की मित्र और शत्रु राशि भी होती है. जब कोई ग्रह अपनी मित्र राशि में होता है तो अत्यंत शुभ फल प्रदान करता है. वहीं जब ये अपनी शत्रु राशि में गोचर करता है तो ऐसे फल प्रदान करता है कि इंसान का जीवन कष्टों से भर जाता है. हर कार्य में उसे असफलता का मुंह देखना पड़ता है. धन की हानि, सेहत का बिगड़ना, करियर में परेशानी, दांपत्य जीवन में उतार-चढ़ाव और लव रिलेशनशिप में ब्रेकअप जैसी समस्या खड़ी कर देता है.
ज्योतिष में विश्वास करने वाले और इससे मानने वाले यदि समय रहते इन ग्रहों की स्थिति को समझ लें तो वे आने वाली परेशानियों को कम कर सकते हैं या टाल भी सकते हैं. लेकिन इससे पहले ग्रहों की किस ग्रह के साथ मित्रता और शत्रुता है, इसे जानना बेहद जरुरी है. ये कोई जटिल कार्य नहीं हैं. इसे समझना आसान भी है-
ग्रहों की स्थिति, राशियों में (Planet Position in Astrology) |
ग्रह (Planet) | स्वामित्व राशि (Zodiac Lord) | उच्च राशि (Exalted Planet) | नीच राशि (Debilitated Zodiac) |
सूर्य (Sun) | सिंह (Leo) | मेष (Aries) | तुला (Libra) |
चंद्रमा (Moon) | कर्क (Cancer) | वृष (Taurus) | वृश्चिक (Scorpio) |
मंगल (Mars) | मेष (Aries), वृश्चिक (Scorpio) | मकर (Capricorn) | कर्क (Cancer) |
बुध (Mercury) | मिथुन (Gemini), कन्या (Virgo) | कन्या (Virgo) | मीन (Pisces) |
बृहस्पति (Jupiter) | धनु (Sagittarius), मीन (Pisces) | कर्क (Cancer) | मकर (Capricorn) |
शुक्र (Venus) | वृषभ (Taurus), तुला (Libra) | मीन (Pisces) | कन्या (Virgo) |
शनि (Saturn) | मकर (Capricorn), कुंभ (Aquarius) | तुला (Libra) | मेष (Aries) |
राहु (Rahu) | - | मिथुन (Gemini) | धनु (Sagittarius) |
केतु (Ketu) | - | धनु (Sagittarius) | मिथुन (Gemini) |
जब कोई ग्रह अपनी उच्च राशि में होता है तो ये शानदार फल देता है.किसी व्यक्ति की कुंडली में यदि कोई ग्रह उच्च का है और वो कुंडली के शुभ भाव में तथा शुभ ग्रहों से दृष्ट है तो उसे जीवन में आपार सफलताएं मिलती हैं.
इसके साथ ही ग्रहों के होने वाली राशि परिवर्तन के दौरान भी अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे. ग्रह जब कुंडली में नीच राशि मौजूद हों तो ज्योतिषीय परामर्श के अनुसार उपाय करने चाहिए. इससे अशुभ फलों में कमी आती है.
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