ये तीन ग्रह हो चुकी हैं वक्री से मार्गी, लक्ष्मी जी और ज्ञान की देवी सरस्वती की बरसेगी कृपा
Margi: कन्या, और मकर राशि में तीन ग्रह मार्गी हो चुके हैं. अभी तक तक ये महत्वपूर्ण ग्रह वक्री अवस्था में इन राशियों में गोचर कर रहे थे. इन ग्रहों के मार्गी होने से क्या फल प्राप्त होगा आइए जानते हैं.
Margi in Astrology: मकर राशि में दो महत्वपूर्ण ग्रहों की युति बनी हुई है. शनि देव और देव गुरु बृहस्पति, मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. अभी तक ये दोनों ग्रह वक्री थे. जिसमें शनि देव 11अक्टूबर 2021 को वक्री से मार्गी हो चुके हैं. इसके बाद 18 अक्टूबर को दो प्रमुख ग्रह वक्री से मार्गी हो चुके हैं. गुरु और बुध ग्रह भी वक्री से मार्गी हो चुके हैं. इस प्रकार से तीन ग्रह पूर्णत: वक्री से अब मार्गी हो चुके हैं. इन ग्रहों के मार्गी होने से शिक्षा, नौकरी और व्यापार अच्छे फल प्राप्त होंगे.
शनि मार्गी 2021
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि को न्याय का देवता माना गया है. 23 मई 2021 रविवार को दोपहर 02 बजकर 50 मिनट पर शनि वक्री हुए थे. इसे शनि की उल्टी चाल भी कहते हैं. शनि की उल्टी चाल को शुभ नहीं माना जाता है. विशेष बात ये है कि शनि जब वक्री थे, तो 26 मई 2021 को चंद्र ग्रहण लगा था और इसके बाद 10 जून 2021 को सूर्य ग्रहण लगा था. यानि शनि की वक्री अवस्था में दो ग्रहण का योग बना था. पंचांग के अनुसार शनि 141 दिनों तक वक्री रहने के बाद 11 अक्टूबर 2021 को मार्गी हो चुके हैं. शनि का संबंध परिश्रम से भी है. शनि मार्गी होने से किया गया परिश्रम व्यर्थ नहीं जाएगा. शनि देव की कृपा बनी रहेगी.
बुध मार्गी 2021
बुध को बुद्धि और वाणी का भी कारक माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में बुध को ग्रहों का राजकुमार भी कहा गया है. बुध का संबंध गणित, वाणिज्य, लेखन, संचार और कानून आदि से भी है. बुध 27 सितंबर 2021 को व्रकी हुए थे.. इसके बाद वे 2 अक्टूबर को तुला राशि से कन्या राशि में आए थे. बुध 18 अक्टूबर को कन्या राशि में ही वक्री से मार्गी हो चुके हैं. यहां बुध 02 नवंबर तक रहेंगे. बुध के मार्गी होने से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को अच्छे फल प्राप्त हो सकते हैं. मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होगी.
गुरु मार्गी 2021
पंचांग के अनुसार गुरु बीते 20 जून 2021 को कुंभ राशि में वक्री हुए थे. गुरु 120 दिन बाद अब मकर राशि में मार्गी हो चुके हैं. 18 अक्टूबर 2021 मंगलवार को गुरु वक्री से गुरु मार्गी हो चुके हैं. मकर राशि में गुरु की स्थिति को महत्वपूर्ण माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर राशि को गुरु की नीच राशि माना गया है. गुरु 120 दिनों के बाद वक्री से मार्गी हुए हैं. गुरु के मार्गी होने से आय के स्त्रोत में वृद्धि होगी, जो लोग उच्च पद प्राप्त करने की कामना रखते हैं, उन्हें सफलता प्राप्त हो सकती है. धन के मामले में भी शुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं.