Shani Chandrma Yuti, Vish Yoga in Capricorn: ज्योतिष शास्त्र में विष योग को अशुभ कारक माना जाता है. मान्यता है कि कुंडली में विष होने से जीवन में अनेक तरह की समस्याएं आती हैं.
शनि और चंद्रमा की युति (Shani Chandra Yuti)
पंचांग के अनुसार, शनि देव स्वराशि मकर में मार्गी अवस्था में संचरण कर रहें है. चंद्रमा भी मकर राशि में प्रवेश कर चुके है. ये यहां पर शनि के साथ युति का निर्माण करेंगे. उसके बाद चंद्रमा मकर राशि से निकल कर कुंभ में प्रवेश करेंगे. मकर राशि में चंद्रमा के संचरण करते वक्त तक मकर राशि में विष योग बना रहेगा.
क्या होता है विष योग (Vish Yog in Kundli)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में चंद्रमा और शनि की युति से विष योग बनता है. जब शनि और चंद्र एक दूसरे के साथ गोचर करते हैं, तो इस अशुभ योग का प्रभाव बढ़ जाता है. इससे लोगों के जीवन में एक के बाद एक संकट आते रहते हैं.
विष योग का प्रभाव
कुंडली में विष योग होने से अशुभ प्रभाव होता है. विष योग लोगों को आर्थिक, करियर और स्वास्थ्य से जुड़े मामलों पर नुकसान पहुंचाता है. इससे लोगों में तनाव और चिंता होती है जो जीवन को पूरी तरह बर्बाद कर देती है. वैवाहिक संबंध खराब हो सकते हैं. रिश्तों में कडुवाहट आ सकती है. घर -परिवार से सुख शांति चली जाती है. आपसी लड़ाई झगड़े बढ़ते हैं. सभी लोग परेशान रहने लगते हैं. बच्चों का ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता है.
विष योग का उपाय (Vish Yog in Kundli)
विष योग के अशुभ फल से बचने के लिए शनि देव और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. भगवान शिव की पूजा करने से इस योग से राहत मिलती है. यदि किसी की कुंडली में ये योग बना हुआ है वो सोमवार और शनिवार को अवश्य पूजा करें. शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भी इस योग के दोष दूर होते हैं. पूर्णिमा के दिन जल चढ़ाने से भी राहत मिलती है.
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