Shani Gochar 2023, Shani Rashi Parivartan Effect, Shani Dev: शनि राशि परिवर्तन का मानव जीवन के साथ-साथ चर–अचर जगत पर भी बहुत गहरा असर होता है. इनके राशि परिवर्तन से कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होती है तो कुछ को इनसे मुक्ति भी मिलती है.
शनि की साढ़ेसाती का असर साढ़े सात साल और ढैय्या का असर ढाई साल होता है. पंचांग के मुताबिक, शनि 17 जनवरी 2023 को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. यहां पर शनि 29 अप्रैल 2025 तक विराजमान रहेंगे.
कुंभ में शनि गोचर से मीन राशि पर साढ़ेसाती एवं कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा. इसके अलावा कुंभ पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण और मकर राशि पर तीसरा अर्थात अंतिम चरण शुरू होगा.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि के कुंभ राशि में गोचर से इन राशियों को 2025 तक शनि के बुरी नजर का प्रभाव झेलना पडेगा. इस दौरान इन राशि वालों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. आइये जानें इन राशियों के बारे में:-
मीन राशि: शनि 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में गोचर करेंगे तो मीन पर साढ़ेसाती का प्रकोप शुरू हो जाएगा. मीन राशि के लोगों पर शनि की साढ़ेसाती 17 अप्रैल 2030 तक रहेगी. ऐसे में इस राशि के लोगों को इस दौरान फूंक-फूंक कर कदम रखना होगा.
कुंभ राशि: ज्योतिष के मुताबिक, 29 अप्रैल 2022 को शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश किये थे. उसके बाद वे 5 जून 2022 को वक्री हुए. इसके बाद 12 जुलाई को शनि देव कुंभ से निकलकर मकर राशि में प्रवेश किये. अब नए साल में 17 जनवरी 2023 को पुनः कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. शनि के कुंभ राशि में होने से कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा. कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी.
मकर राशि: ज्योतिष के अनुसार मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 26 जनवरी 2017 को शुरू हुई थी. इन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप 29 मार्च 2025 तक रहेगी. मौजूदा समय में इन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है.
कर्क राशि: कर्क राशि के अष्टम भाव में शनि गोचर करेंगे. इससे इन्हें सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा. माता के स्वास्थ्य की ओर से चिंतित हो सकते है. इस अवधि में किसी भी व्यक्ति को धन उधार ने दें. वरना पैसा फंस सकता है.
वृश्चिक राशि: शनि वृश्चिक राशि के चतुर्थ भाव में गोचर करने जा रहे हैं. इन्हें कार्यस्थल पर तनाव मिल सकता है. आर्थिक स्थिति ख़राब हो सकती है. वाहन चलाते समय खास सावधानी रखें.
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