शनि देव: ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. शनि को कलियुग का दंडाधिकारी माना गया है. यानि शनि ही वो ग्रह हैं जो व्यक्ति को कर्मों के आधार पर शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं. इस वर्ष शनि ढाई साल बाद राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. शनि का राशि परिवर्तन बहुत ही अहम माना जा रहा है. पंचांग के अनुसार शनि का राशि परिवर्तन कब होगा, जानते हैं.


शनि देव शुभ फल भी प्रदान करते हैं
शनि देव के बारे में ऐसी मान्यता है कि वो जिस व्यक्ति पर अपनी कृपा बरसाते हैं उसे मालामाल कर देते हैं और वहीं जिस पर शनि की कुदृष्टि पड़ती है उसे रंक बना देते हैं. इसके साथ ही शनि की दृष्टि से इंसान तो क्या भगवान भी नहीं बच पाते हैं. भगवान शिव को भी शनि की दृष्टि का शिकार होना पड़ा था. यही कारण है कि शनि की दृष्टि से हर कोई बचना चाहता है. शनि इस वर्ष राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं, जो कुछ राशियों के लिए राहत भरा साबित होगा.


शनि की साढ़े साती
वर्तमान समय में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है. ज्योतिषियों के अनुसार शनि बहुत ही धीमा ग्रह है. यही कारण है कि शनि देव को एक राशि से दूसरी राशि में जानें पर लगभग ढाई वर्ष का समय लग जाता है.


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शनि की ढैय्या
मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. शनि की ढैय्या में व्यक्ति को कार्यों में सफलता पाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.


शनि राशि परिवर्तन 2022
वर्तमान में शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. 29 अप्रैल 2022 को शनि कुंभ राशि में गोचर करेंगे. मकर और कुंभ राशियां शनि देव की अपनी राशि मानी जाती हैं क्योंकि इन राशियों का स्वामी ग्रह शनि है. 


इन राशियों को मिलेगी राहत
शनि के कुंभ राशि में गोचर शुरू करते ही मिथुन, तुला और धनु वालों को शनि की दशा से मुक्ति मिल जाएगी. जिसमें मिथुन और तुला राशि के लोग शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी और धनु राशि के जातकों को शनि की साढ़े साती से. हालांकि धनु वालों को पूर्ण रूप से शनि साढ़े साती से मुक्ति 2023 में ही मिलेगी क्योंकि 12 जुलाई से लेकर 17 जनवरी 2023 तक शनि मकर राशि में गोचर रहेंगे.


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