Sawan 2022: इस विधि से धारण करें रुद्राक्ष, शिव जी की कृपा से जीवन रहेगा खुशहाल
Rudraksh Dharan Karne ka Tareeka: आपने तस्वीरों में भगवान शिव को हमेशा रुद्राक्ष धरण किए ही देखा होगा. ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष के बीज की उत्पत्ति शिव के आंसुओं से हुई थी.
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Sawan Mein Rudraksh Dharan Karne Ka Tareeka: रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में अत्यधिक मान्यता प्राप्त है. यह बहुत ही शक्तिशाली और प्रभावकारी माना जाता है. जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, रुद्राक्ष को रुद्र, यानी भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. 14 जुलाई से श्रावण का महीना शुरू हो गया है और यह रक्षा बंधन के दिन यानि 11 अगस्त को समाप्त होगा.
श्रावण का पूरा महीना महादेव को समर्पित होता है. इसलिए अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो उसके लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता. लेकिन रुद्राक्ष धारण करते समय आपको कुछ नियमों का अत्यधिक ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते हैं क्या हैं वो नियम.
रुद्राक्ष धारण करने से पहले अपनाएं यह विधि
- रुद्राक्ष को सोमवार के दिन शुक्ल पक्ष में धारण करने की सलाह दी जाती है.
- रुद्राक्ष को एक कटोरी में 1 चम्मच दही, शहद, गंगाजल, तुलसी के पत्ते और घी लेकर 10 मिनट के लिए रख दें. यह आपके रुद्राक्ष को सक्रिय और शुद्ध करेगा और उसकी सारी नकारात्मकता को दूर करेगा.
- भगवान से प्रार्थना करने के बाद रुद्राक्ष को इस मिश्रण से निकालकर शुद्ध गंगाजल से धो लें.
- "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें. इसके बाद रुद्राक्ष धारण करें.
इन नियमों का रखें ध्यान
- रुद्राक्ष को सिद्धि, उसकी शुद्धता और हवन आदि के लिए प्रार्थना और अनुष्ठान के बाद पहना जाना चाहिए.
- रुद्राक्ष के मंत्र का जाप रोजाना सुबह करना है. सोने से पहले रुद्राक्ष को उतारकर पूजा स्थल पर रखना चाहिए.
- रुद्राक्ष को सुबह स्नान के बाद पहना जा सकता है. इसे ऊपर बताए अनुसार मंत्र जाप के बाद पहना जा सकता है और धूप, दीप आदि का प्रयोग करना चाहिए.
- रुद्राक्ष धारण करने वाले को बुरी आदतों से दूर रहना चाहिए. रुद्राक्ष धारण करने वाले को आशीर्वाद के लिए भगवान शिव के मंदिर में जाना चाहिए.
- रुद्राक्ष को उस स्थान पर नहीं ले जाना चाहिए जहां नवजात शिशु का जन्म हुआ हो.
- मासिक धर्म के समय महिलाओं को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए.
- रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें. रुद्राक्ष की सफाई करने से उसकी शुद्धता बनी रहती है.
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