Belpatra Todne Ke Niyam: 4 जुलाई से सावन के पवित्र महीने की शुरुआत हो गई है. शंकर भगवान को समर्पित सावन का महीना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस महीने भक्त पूरे श्रद्धा भाव से शंकर भगवान की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के प्रयास करते हैं. सावन के महीने में शिवलिंग की महीमा और बढ़ जाती हैं. 


शिवलिंग पर शिव की प्रिय चीजें अर्पित की जाती हैं ताकि उनकी कृपा प्राप्त की जा सके. भोलेनाथ की प्रिय चीजों में से एक है बेलपत्र. बेलपत्र को बिल्वपत्र भी कहा जाता है. इसे चढ़ाने के कुछ खास नियम हैं जिसका पालन करना जरूरी है. जानते हैं इसके बारे में.


शिवलिंग पर ना चढ़ाएं इस तरह के बेलपत्र



शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए बेलपत्र चुनाव बहुत ध्यान से करना चाहिए. बेलपत्र कहीं से भी कटा-फटा नहीं होना चाहिए साथ ही इस पर अधिक धारियां भी नहीं होनी चाहिए. बेलपत्र के बहुत से पत्‍तों पर चक्र और धारियां होती हैं जिन्हें पूजा में प्रयोग नहीं करना चाहिए. चक्र और वज्र वाले बेलपत्र को खंडित माना जाता है. 


शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय ध्यान रखें कि इसे चढ़ाने के बाद  अनाज,तेल,दूध जैसे पदार्थ फिर नहीं चढ़ाने चाहिए. अगर आप अधिक बेलपत्र नहीं जुटा पाए हैं तो शिवलिंग पर एक बेलपत्र भी चढ़ा सकते हैं. इससे भी आपको पूजा का उतना ही फल मिलेगा.  कभी भी शिवलिंग पर बिना जल चढ़ाए बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए.


शास्‍त्रों में बेलपत्र को तोड़ने को लेकर भी नियम बताए गए हैं. इसके अनुसार बेलपत्र कभी भी सोमवार या फिर चतुर्दशी को नहीं तोड़ना चाहिए. जरूरत हो तो इसे हमेशा एक दिन पहले तोड़ कर रख लेना चाहिए. माना जाता हि हैं कि सोमवार और चतुर्दशी तिथि को बेलपत्र तोड़कर शिवलिंग पर चढ़ाने से शिवजी अप्रसन्न होते हैं.


ऐसे चढ़ाएं शिवलिंग पर बेलपत्र


शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए एक साफ और पवित्र बेलपत्र का चयन करें. इसकी पत्तियां बिल्कुल ताजी होनी चाहिए. बेलपत्र चढ़ाते समय ध्‍यान रखें कि बेलपत्र का जो भाग चिकना हो उसी भाग को शिवलिंग के ऊपर रखना चाहिए. इन पत्तियों को धूप और जल के प्रभाव से बचाएं. 


शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय "ॐ नमः शिवाय" या अन्य शिव स्तुति मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे शिव के प्रति श्रद्धा और समर्पण का भाव आता है. बेलपत्र 1, 3 या फिर 5 पत्र वाला भी होता है. शास्‍त्रों के अनुसार बेलपत्र जितने अधिक पत्र वाला होता है उतना ही अच्‍छा होता है. इसलिए शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने में कम से कम यह 3 पत्र वाला होना चाहिए. 


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