Sawan 2023: सावन का महीना भोलेनाथ को बहुत प्रिय है. इस महीने में पूरी श्रद्धा के साथ उनकी पूजा-अर्चना करने से शंकर भगवान भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.हिन्दू धर्म में शिव उपासना का विशेष महत्व है. शिव का हर एक रूप निराला है चाहे वह भोले बाबा का रूप हो या फिर शिव का रौद्र रूप. 


शिव पुराण के अनुसार, महादेव को जब क्रोध आता है, तो वो तांडव नृत्य करते हैं. एक बार अपने तांडव नृत्य से शिव जी ने पूरे ब्रह्मांड को हिला दिया था. आइए जानते हैं कि आखिर किसा बात पर शंक्र भगवान को इतना क्रोध आया था.


जब शंकर भगवान के तांडव नृत्य से कांप गया था ब्रह्मांड


शिव जी जब तांडव नृत्य करते हैं तो उस समय उनकी आंखें क्रोध से लाल हो जाती हैं और पूरा ब्रह्मांड कांपने लगता है. भगवान शिव ने तांडव उस समय किया था, जब मां सती अपने पिता द्वारा आयोजित यज्ञ में शामिल होने अपने मायके गई थीं. वहां उनके पिता ने शिव जी का अपमान किया और यह बात सती सहन नहीं कर पाईं. उन्होंने अपने को यज्ञाग्नि में दाह कर लिया. 



महादेव को जब यह बात पता चली तो वह क्रोध से लाल हो गए. उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर सती के पिता दक्षराज का सर धड़ से अलग कर दिया. इसके बाद सती को अपनी गोद मे उठाकर क्रोध में आकर शिव पूरे ब्रह्मांड  में वे तांडव नृत्य करने लगे. शिव का ये रौद्र रूप देखकर सारे देवता, राक्षस, और पूरा ब्रह्मांड भयभीत हो गया. 


सभी लोग ब्रम्हदेव के पास गए, उन्होंने सभी को भगवान विष्णु के पास जाने के लिए कहा,भगवान विष्णु ने कहा इस समय महादेव के सामने जाना उचित नही है. जब तक उनके गोद मे मां सती का पार्थिव शरीर है, वो शांत नहीं होंगे. भगवान विष्णु अपने सुदर्शन चक्र से मां सती के पार्थिव शरीर को काटकर नीचे गिराने लगे.


कहा जाता है कि मां शरीर का जो अंग कटकर पृथ्वी पर गिरा है वहां-वहां शक्तिपीठ की स्थापना हुई. जब मां सती का पूरा शरीर कटकर गिर गया, तब जाकर महादेव का क्रोध शांत हुआ.


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