Adhik Maas Purnima 2023 Puja: सावन मास के अधिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन अधिक पूर्णिमा का व्रत इस दिन पूजा-पाठ और स्नान-दान का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन जप, तप और दान करने का विशेष महत्व होता है. इससे साधकों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. 


सावन की पूर्णिमा कल यानी 1 अगस्त को मनाई जाएगी. इस दिन मंगला गौरी व्रत का भी अद्भुत संयोग बन रहा है. इसकी वजह से साधकों को भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना का सौभाग्य प्राप्त होगा. 


अधिक मास पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त


अधिकमास पूर्णिमा तिथि शुरू - 1 अगस्त 2023, सुबह 03.51 मिनट
अधिकमास पूर्णिमा तिथि समाप्त - 2 अगस्त 2023, प्रात: 12.01 मिनट
स्नान-दान मुहूर्त - सुबह 04.18 - सुबह 05.00 बजे
सत्यनारायण पूजा - सुबह 09.05 - दोपहर 12.27 बजे
चंद्रोदय समय - शाम 07.16


अधिक मास की पूर्णिमा का महत्व 



हिंदू धर्म में सावन मास की पूर्णिमा विशेष महत्व होता है. इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और सत्यनारायण व्रत रखा जाता है. मान्यता है ऐसा करने से विष्णु जी की कृपा हमेशा बनी रहती है. पूर्णिमा के दिन पर किए गए स्नान-दान और पूजा-पाठ करने से भगवान की शीघ्र कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.


पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि


इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए. इस दौरान सूर्य देव के बीज मंत्र ॐ घृणिः सूर्याय नमः का जाप करें. एक साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें धूप, दीप नैवेद्य अर्पित करें. इसके साथ ही भगवान विष्णु की प्रार्थना करते हुए सत्यनारायण व्रत करने का संकल्प लें.


संध्या काल पूजा में विष्णु जी को पत्ता, पंचामृत, केला और पंजीरी बनाकर अर्पित करें. इसके बाद विधि-विधान के साथ माता लक्ष्मी और श्री हरि की पूजा करें. इस दिन सत्यनारायण की कथा सुनने से विशेष लाभ मिलता है. पूजा के बाद परिवार और अन्य लोगों में प्रसाद बाटें. पूर्णिमा के दिन, दान-दक्षिणा जरूर करना चाहिए.


ये भी पढ़ें


अगस्त में किन लोगों को होगा लाभ, किन्हें नुकसान? जानें मासिक राशिफल


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.