Sawan Pradosh Puja: सावन के महीने में आने वाले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना जाता है. इस महीने प्रदोष व्रत करने से पूजा का दोगुना फल मिलता है. सावन का पहला प्रदोष व्रत 14 जुलाई को था जबकि इस माह आने वाला दूसरा प्रदोष व्रत 30 जुलाई, रविवार के दिन रखा जाएगा. सावन महीने का प्रदोष व्रत रखने से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है.
प्रदोष व्रत से चंद्रमा भी होता है मजबूत
प्रदोष व्रत का दिन चंद्र दोष दूर करने के लिए भी उत्तम माना जाता है. भोलेनाथ के साथ-साथ इस दिन चंद्रमा की भी पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली में मौजूद चंद्रमा की स्थित मजबूत होती है. इस दिन चंद्रमा की पूजा करना फलदायी माना जाता है. सावन का प्रदोष व्रत रखने से नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है.
प्रदोष व्रत की पूजा सदैव प्रदोष काल में ही करनी शुभ मानी जाती है. दिन और रात के मिलने का समय प्रदोष काल होता है. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घ आयु प्राप्त होती है. इस दिन पूजा पाठ करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है. प्रदोष का व्रत करने से चंद्रमा ठीक होता है. चंद्रमा मन का कारक है, इसलिए प्रदोष व्रत रखन से मन की बेचैनी दूर होती है और मन शांत रहता है.
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत को हिन्दू धर्म में बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन पूरी निष्ठा से भगवान शिव की पूजा- अराधना करने से भोलेनाथ के साथ चंद्रदेव भी प्रसन्न होते हैं और जातक के सारे कष्ट दूर कर देते हैं. माना जाता है कि प्रदोष व्रत करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन शिव की अराधना करने से पापों का प्रायश्चित होता है औस सारे कष्ट दूर होते हैं. इस व्रत के महत्व के बारे में सबसे पहले भगवान शिव ने ही माता सती को बताया था.
ये भी पढ़ें
इन 4 राशियों की कुंडली में जन्मजात होता है राजयोग, खूब कमाते हैं नाम और धन
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.