Sawan Ka Guruwar: सावन का महीना शंकर भगवान का महीना माना जाता है. इस माह भोलेनाथ की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है. शास्त्रों में इस महीना का बहुत महत्व माना गया है. हर शिव भक्त को सावन के महीने का इंतजार रहता है. सावन के पूरे माह शिव जी की पूजा की जाती है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं.
सावन के गुरुवार का महत्व
सावन में सिर्फ सोमवार ही नहीं बल्कि हर एक दिन का खास महत्व होता है. सावन के महीने में आना वाला गुरुवार भी बहुत खासा माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु के आराध्य श्री शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य श्री विष्णु हैं. ऐसे में सावन के महीने में आने वाले गुरुवार के दिन किए जाने वाले पूजा-पाठ से भगवान शिव और विष्णु जी, दोनों की ही कृपा प्राप्त होती है.
गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह का दिन होता है. अगर किसी जातक की कुंडली में गुरु की स्थिति शुभ ना हो तो सावन के गुरुवार के दिन भोलेनाथ की आराधना करने से ग्रहों की स्थिति सुधरने लगती है.
सावन के गुरुवार की पूजन विधि
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का दिन माना जाता है वहीं सावन का महीना भोलेनाथ को समर्पित है. इसलिए सावन के गुरुवार के दिन शंकर भगवान के साथ विष्णु जी की भी पूरे विधि विधान से पूजा करनी चाहिए. इस दिन पीले या हरे रंग का वस्त्र पहनकर भगवान की पूजा करनी चाहिए.
इस दिन उगते हुए सूर्य हल्दी मिलाकर जल अर्पित करना चाहिए. पूजा में विष्णु जी को पीले रंग के फूल और पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं. भगवान विष्णु को हल्दी का तिलक लगाएं और इस तिलक को अपने माथे पर भी लगाएं.
इसके बाद तुलसी की माला या फिर चंदन की माला से भगवान विष्णु की कम से कम एक माला जाप करें. सावन के गुरुवार में भगवान विष्णु के किसी भी सरल मंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ अथवा ‘ॐ नमो नारायण’ या फिर ‘श्रीमन नारायण नारायण हरि-हरि’ का श्रद्धापूर्वक जाप करें.
नारायण कवच, विष्णु सहस्त्रनाम और गजेंद्र मोक्ष का पाठ करें. इस दिन शिव चालीसा का पाठ करने या फिर शिव के मंत्रों का जाप करने से भी सुख- समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
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