Vinayaka Chaturthi Date 2023: सावन के महीने में व्रत और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है. इस पवित्र महीने में शिव परिवार की उपासना करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है. सावन मास में आने वाली विनायक चतुर्थी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक उपासना की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने से बुद्धि का वरदान प्राप्त होता है और गणपति की कृपा से घर में सुख-समृद्धि आती है. सावन की अंतिम गणेश चतुर्थी 20 अगस्त को है.
विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार विनायक चतुर्थी 19 अगस्त को रात 10 बजकर 19 मिनट से आरंभ होगी. इसका समापन 21 अगस्त को रात में 12 बजकर 21 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार विनायक चतुर्थी का व्रत 20 अगस्त को ही रखा जाएगा. शास्त्रों के अनुसार, गणेशजी की पूजा दोपहर के वक्त मध्यकाल के दौरान की जाती है. पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अगस्त को सुबह 11 बजकर 26 मिनट से दोपहर 1 बजकर 58 मिनट तक रहेगा.
विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
विनायक चतुर्थी के दिन दो अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन 'साध्य' और 'शुभ' योग का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का भी निर्माण हो रहा है. जिसकी वजह से इस दिन व्रत का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा.
विनायक चतुर्थी व्रत महत्व
शास्त्रों के अनुसार विनायक चतुर्थी व्रत रखने से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है. यह व्रत रखने से बल, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद मिलता है. गणपति की कृपा से जीवन में आ रही कई तरह की समस्याएं भी दूर हो जाती हैं. मान्यता यह भी है विनायक चतुर्थी व्रत रखने से कई तरह के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं और भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है.
गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है. गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. इस दिन चन्द्र दर्शन भी बहुत शुभ माना जाता है. सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है.
ये भी पढ़ें
नाग पंचमी कब मनाई जाएगी? जानें तारीख, पूजन विधि और इस दिन का महत्व
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.