Scorpio Horoscope: पंचांग के अनुसार 12 सितंबर 2021 को भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है. इस तिथि को स्कंद षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. आज नक्षत्र विशाखा और चंद्रमा वृश्चिक राशि में गोचर कर रहा है.


केतु का वृश्चिक राशि में गोचर 
वृश्चिक राशि में केतु विराजमान हैं. ज्योतिष शास्त्र में केतु को पाप ग्रह माना गया है. पंचांग के अनुसार बीते 23 सितंबर 2020 को केतु का वृश्चिक राशि में गोचर हुआ था. वृश्चिक राशि में केतु अगले वर्ष यानि 12 अप्रैल 2022 तक रहेगा.


केतु का स्वभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु को पाप ग्रह बताया गया है, लेकिन ये हमेशा अशुभ फल प्रदान करता है, ऐसा नहीं है. केतु विशेष स्थितियों में अत्यंत शुभ फल भी प्रदान करता है. केतु का स्वभाव कुछ-कुछ मंगल ग्रह जैसा ही माना गया है. इसीलिए इसे क्रूर ग्रह भी कहा गया है. केतु का रंग कृष्ण वर्ण है. केतु मोक्ष का कारक भी है. केतु चर्म रोग का कारक भी माना गया है.


ग्रहण योग
चंद्रमा जब राहु या केतु के संपर्क में आता है तो ग्रहण योग की स्थिति बनती है. ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण योग को अशुभ और खतरनाक फल देना वाला योग भी बताया गया है. पंचांग के अनुसार 12 सितंबर 2021, रविवार को वृश्चिक राशि में चंद्रमा का गोचर होगा. चंद्रमा 14 सितंबर 2021, मंगलवार को प्रात: 07 बजकर 05 मिनट तक इसी राशि में रहेगा. चंद्रमा जब तक वृश्चिक राशि में रहेगा तब तक ग्रहण योग की स्थिति रहेगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण योग बनने के कारण चंद्रमा की शक्ति क्षीण हो जाती है और वो अपने शुभ फल प्रदान नहीं कर पाता है. चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है. चंद्रमा पर ग्रहण लगने से व्यक्ति को मानसिक परेशानी, तनाव, विवाद, अज्ञात भय लगा रहता है. इस दौरान वाद- विवाद की स्थिति से बचना चाहिए. इसके साथ ही पूँजी के निवेश में भी सावधानी बरतनी चाहिए. ग्रहण योग के समय वाहन प्रयोग में भी सतर्कता बरतनी चाहिए. इसके साथ गलत आदत और बुरी संगत से भी दूर रहें.


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