चंद्रमा पृथ्वी के इतने करीब है कि पृथ्वी पर बड़े बदलाव अक्सर चंद्रमा के कारण देखने में आते हैं. यह हमें भी विभिन्न स्तर पर प्रभावित करता है. यात्रा पर जाने से पूर्व चंद्रमा के संचरण की राशि अर्थात् वर्तमान में चंद्रमा किस राशि में गोचर कर रहा है इसका ज्ञान कर अपनी से गणना कर लेना चाहिए. यह गणना शुभ अथवा सम होने पर ही यात्रा की जानी चाहिए.


उदाहरण के तौर पर 26 जनवरी को चंद्रमा मिथुन राशि में है. यात्रा के इच्छुक व्यक्ति की राशि मेष है. ऐसे में इस व्यक्ति के लिए गणनानुसार चंद्रमा की स्थिति मेष, वृष, मिथुन अर्थात् तीसरे भाव या स्थान में हुई. ऐसे में जातक यात्रा कर सकता है.


यात्रा की परिस्थिति पर विचार कर ही चंद्रमा की स्थिति का मूल्यांकन करें. यदि व्यक्ति निजी एवं पारिवारिक कार्याें से यात्रा पर जा रहा है तो उसे जन्मराशि के आधार पर चंद्रमा की स्थिति देखना चाहिए. व्यक्ति कामकाज और व्यापार के सिलसिल में बाहर जा रहा है तो उसे नामराशि से चंद्रमा की गणना करना चाहिए.


राशि से चार आठ और बारहवें स्थान का चंद्रमा शुभकर नहीं माना जाता है. अतः गणना में चौथा आठवां और बारहवां चंद्रमा आने पर यात्रा को चंद्रमा के अगले राशि में प्रवेश तक टाल सकते हैं.