Shaadi Shagun: शादियों के सीजन में आप सभी ने शगुन शब्द तो सुना ही होगा. शगुन का लिफाफा...शगुन की मिठाई... शगुन के गहने वगैरह. लोगों को शुभकामनाओं के साथ भेंट देना शगुन कहलाता है. आपको किसी समारोह पर आपके दोस्त या रिश्तेदारों ने शगुन का लिफाफा दिया होगा. आपने भी तो उपनयन, शादी जन्म दिन वगैरह पर लोगों को शगुन का लिफाफा भेंट किया ही होगा. शगुन को पूर्वांचली क्षेत्र में "चुमावन" शब्द से भी संबोधित करते हैं.
आपने स्वभाविक तौर पर गौर किया होगा कि शगुन में धनराशि के साथ एक का सिक्का लगाकर दिया जाता है. अब तो बाजार में जो शगुन के लिफाफे आते हैं उसमें पहले से ही सिक्का लगा होता है. मगर क्या आपने कभी ये जाना कि शगुन में एक का सिक्का लगाकर क्यों देते हैं. आइए इस भेद से पर्दा उठाते हैं-
शादी में इसलिए दिया जाता है शगुन का सिक्का
पौराणिक मान्यता के अनुसार शादी में शगुन के तौर पर एक रुपए का सिक्का किसी भी जोड़े को इसलिए दिया जाता है क्योंकि अगर एक रुपए को किसी नोट के साथ दिया जाए तो शगुन के तौर पर दी जाने वाली राशी की संख्या अविभाज्य यानी विभाजित ना होने वाली संख्या बन जाती है. ऐसे में सभी लोग यही कामना करते हैं कि नया जोड़ा हमेशा एक साथ रहे. इसलिए नेग में 1 रुपए का सिक्का दिया जाता है. इसके अलावा किसी भी नए रिश्ते के लिए यह संख्या बेहद ही शुभ और अच्छी मानी जाती है.
धातु में होता है लक्ष्मी का निवास
एक रूपए का सिक्का देने के पीछे एक और मान्यता है. हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार धातु में मां लक्ष्मी निवास करती हैं. ऐसे में शगुन में लगा एक रूपए का सिक्का मां लक्ष्मी का प्रतीक समझा जाता है.
आर्थिक समृद्धि और निवेश का प्रतीक
सनातन संस्कृति की मान्यताओं के अनुसार नए जोड़े या किसी व्यक्ति को एक रुपए का सिक्का देना उसके जीवन में आर्थिक रूप में समृद्धि् और मंगलकामनाओं का प्रतीक माना जाता है. शगुन का सिक्का निवेश के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है.
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