Shani Dev: शनि देव का भगवान शिव (Shiv) से गहरा नाता है. पौराणिक कथाओं में शनि को भगवान शिव का परम भक्त बताया गया है. भगवान शिव ने प्रसन्न होकर ही शनि देव को सभी ग्रहों में विशेष स्थान प्रदान किया था. उन्हें नवग्रहों में दंडाधिकारी की उपाधि प्रदान की थी. भगवान शिव की पूजा करने से शनि देव अशुभ फल प्रदान नहीं करते हैं.


शनि से हर कोई रहेगा भयभीत (Why is Shani so powerful)
शनि से लोग ऐसे ही नहीं डरते हैं. एक पौराणिक कथा (Mythology) के अनुसार शनि के पिता सूर्य देव ने उनकी माता छाया का अपमान कर दिया तो वे क्रोधित होकर तपस्या करने बैठ गए. कठोर तपस्या से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हुए. शनि देव ने शिवजी से कहा कि 'हे प्रभु! मेरे पिता ने मेरी माता का अपमान किया है. मेरी कामना है कि मैं अपने पिता से भी अधिक शक्तिशाली बनूं. इसलिए आप मुझे शक्ति प्रदान करें.'


शनि देव की इस बात को सुनकर भगवान शिव ने कहा, 'शनि! मैं तुम्हारी इस इच्छा को पूरा करता हूं और सूर्य से भी शक्तिशाली होने का वरदान देता हूं, नवग्रहों में तुम्हारा विशेष स्थान रहेगा, और तुम सभी के अच्छे-बुरे कर्मों का फल प्रदान करें, इतना ही नहीं तुम से देवता, राक्षस, मनुष्य और ऋषि मुनि भी तुम्हारे नाम से भय खाएगें.' यही कारण है कि शनि की दृष्टि से कोई नहीं बच पाता है. 


सावन में शनि देव की पूजा (Sawan 2022)
मान्यता है कि शिव भक्तों को शनि देव (Shani Dev) परेशान नहीं करते हैं. सावन का महीना शिव जी का प्रिय महीना है. सावन मास (sawan month 2022) में शिव भक्ति भगवान में भक्ति में पूरे एक माह तक डूबे रहते हैं. माना जाता है जो व्यक्ति सावन में विधि पूर्वक शिव जी की आराधाना करता है उसे शनि अशुभ होकर भी अशुभ फल प्रदान नहीं करते हैं, इसलिए जिन लोगों की कुंडली (Kundli) में शनि की ढैय्या (Shani Dhaiya 2022), साढ़े साती (Shani Sade Sati), महादशा, अंर्तदशा और शनि की दृष्टि (Shani Ki Drishti) बनी हुई है वे सावन में भवगान शिव की पूजा करें, इससे शनि का दोष दूर होता है.


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