Shani Ki Dhaiya: शनिदेव को सभी ग्रहों के न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है. भगवान शिव की शनिदेव ने पूजा की थी, जिससे प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें सभी ग्रहों में विशेष स्थान देकर न्यायाधीश बनाया. शनि की क्रूर दृष्टि से मानव ही नहीं देवता भी नहीं बच पाते हैं. शनिदेव की क्रूर दृष्टि जब पड़ती है तो व्यक्ति को जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या जब व्यक्ति पर आती है तो उसे कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.


शनि की इन 5 राशियों पर है विशेष दृष्टि
मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि पर इस समय शनिदेव की विशेष दृष्टि है. मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इसलिए इन राशियों को कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे शनिदेव नाराज होकर बुरे फल प्रदान करने लगें.


महाशिवरात्रि पर शनिदेव को करें प्रसन्न
शनिदेव सिर्फ भगवान शिव की पूजा से ही शांत होते हैं. भगवान शिव के अवतार कहे जाने वाले हनुमान जी और कालभैरव की पूजा से भी शनि शांत होते हैं. शनिदेव की शांति के लिए महाशिवरात्रि का दिन उत्तम माना गया है. शाम के समय शनिदेव की पूजा करने से शनि से जुड़े दोष कम होते हैं. इस दिन शिव मंदिर में शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए.


शनिदेव इन कार्यों को करने से नाराज होते हैं
शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर ही अच्छे बुरे फल प्रदान करते हैं. शनिदेव कुछ कार्यों को करने से नाराज होते हैं और शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति को कठोर दंड देने का कार्य करते हैं. इसलिए शनि को प्रसन्न रखना है तो कमजोर और परिश्रम करने वाले व्यक्ति को कभी सताना नहीं चाहिए. इनका अनादर भी नहीं करना चाहिए. इसके साथ गलत और अनैतिक कार्यों को करने से बचना चाहिए. इससे भी शनि नाराज होते हैं.


Chanakya Niti: चाणक्य की इन बातों में छिपा है करोड़पति बनने का राज, जानें चाणक्य नीति