Kalashtami 2021 Shubh Muhurt : भगवान काल भैरव को सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है. जब व्यक्ति अंत्यत गंभीर परेशानियों से घिर जाता है. तब भगवान काल भैरव की पूजा व्यक्ति को परेशानियों से उभारने में मदद करती है. भगवान कालभैरव की पूजा करने से व्यक्ति को अज्ञात भय, शत्रु,मान सम्मान में कमी, कलंक लगाने जैसी स्थितियों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ भगवान कालभैरव गंभीर रोग से भी रक्षा करते हैं. 


शनि देव शांत होते हैं
कालभैरव की पूजा करने से शनि देव भी शांत होते हैं. जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ फल प्रदान करते हैं तो इस स्थिति में कालभैव की पूजा, शनि के दोष को दूर करने में सहायक है. कालभैरव की पूजा शनि की महादशा, शनि की साढे़साती और शनि की ढैय्या में भी राहत प्रदान करती है. इस समय मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है.


काल भैरव भगवान कौन है
शास्त्रों के अनुसार भगवान कालभैरव को शिवजी का रुद्र अवतार माना गया है. काल भैरव को सभी रक्षा करने वाला माना गया है. 


कालाष्टमी: शुभ मुहूर्त
कलाष्टमी तिथि का आरंभ प्रारंभ: 02 जून को रात्रि 12 बजकर 46 मिनट.
कलाष्टमी तिथि का समापन: 03 जून को रात्रि 01 बजकर 12 मिनट.


पूजा का नियम
कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा में कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए. इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव के साथ ही काल भैरव महाराज की पूजा करनी चाहिए. गृहस्थ जीवन में रहने वाले लोगों को भगवान कालभैरव के बटुक अवतार की पूजा करनी चाहिए. मन में किसी के लिए भी गलत विचार नहीं रखने चाहिए. नकारात्मक विचार और ऊर्जा से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए.


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