Astrology: शनि अस्त अवस्था में ही करेंगे 'नक्षत्र परिवर्तन', इन राशि वालों को रहना होगा सावधान
February 2022 : मकर राशि (Capricorn) में शनि गोचर (Shani Transit 2022) कर रहे हैं वर्तमान समय में शनि अस्त (shani ast 2022) है. शनि देव अस्त अवस्था में ही नक्षत्र परिवर्तन करने जा रहे हैं.
Saturn Nakshatra Transit in 2022 : ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को एक अहम ग्रह माना गया है. शनि देव को कर्मफलदाता भी कहा गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने उन्हें नवग्रहों में शनि देव को न्यायाधिकारी की उपाधि प्रदान की है. यही कारण है कि शनि देव को दंडाधिकारी भी कहा जाता है. जो मनुष्य के कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं. शनि की चाल में इस वर्ष बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है. जिसका प्रभाव मेष से मीन राशि तक के लोगों पर पड़ेगा.
मकर राशि में शनि का गोचर (Shani Transit in Capricorn)
वर्तमान समय में शनि देव मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. फरवरी माह के अंत में इस राशि में पंच ग्रही योग की स्थिति बनने जा रही है. यनि इस राशि में एक साथ पांच ग्रह विराजमान रहेगें.
शनि राशि परिवर्तन 2022 (Shani Transit 2022)
29 अप्रैल 2022 को शनि राशि परिवर्तन करेंगे. इस दिन शनि मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर करेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ राशि के स्वामी शनि देव ही हैं. शनि जब अशुभ हों तो व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इसके साथ ही साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या के दौरान भी व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए. मंगलवार और शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
शनि देव का नक्षत्र परिवर्तन 2022 (Shani Nakshatra Transit 2022)
18 फरवरी से शनि धनिष्ठा नक्षत्र में गोचर करने जा रहे हैं. जहां पर शनि अगले वर्ष यानि वर्ष 15 मार्च 2023 तक रहेंगे. शनि का नक्षत्र सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा. लेकिन जिन लोगों का जन्म धनिष्ठा नक्षत्र में हुआ है. उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है. जिन लोगों का नाम
ग, गा, गु, गे अक्षर से आरंभ होता है. उन लोगों पर शनि के नक्षत्र परिवर्तन का विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा.
मकर (Capricorn) और कुंभ राशि (Aquarius) वाले न करें ये काम
धनिष्ठा नक्षत्र मकर राशि और कुंभ राशि को जोड़ने वाला नक्षत्र है, इसलिए जिन लोगों की मकर और कुंभ राशि है, उन लोगों को भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है. धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह और देवता वसु है. इन दोनों राशि वालों को अपने क्रोध पर काबू पाना होगा. नहीं तो गंभीर मुसीबत में फंस सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
Baital Pachisi : बैताल ने पूछा पापी कौन? तो विक्रम ने दिया ये उत्तर