Shani Dev : आज शाम शनिवार को कर लें ये उपाय, बरसेगी शनि देव की कृपा, बना है पूजा का विशेष संयोग
Shani Dev : शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार का दिन उत्तम माना गया है. मान्यता है कि शाम के समय शनि देव की पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है.
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Shani Dev : पंचांग के अनुसार 19 मार्च 2022 को हिंदू कैंलेडर का प्रथम मास शुरू हो रहा है. इस दिन शनिवार है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. शनि देव को कर्मफलदाता और कलियुग का दंडाधिकारी माना गया है. जिन लोगों पर शनि की दृष्टि है या फिर शनि की साढ़े साती और शनि की ढैय्या आदि से परेशान हैं तो उनके लिए आज का दिन विशेष है.
19 मार्च 2022 का पंचांग
आज चैत्र मास का प्रथम दिन है. हिंदू कैलेंडर का ये पहला महीना भी माना जाता है. आज से नया शक संवत् 1943 शुरु हुआ है. शास्त्रों में चैत्र मास का विशेष धार्मिक महत्च बताया गया है. शनिवार के दिन चैत्र मास प्रारंभ हो रहा है. इसलिए शनि भक्तों के लिए यह महीना विशेष है. आज हस्त नक्षत्र है और वृद्धि योग बना हुआ है. जो शनि देव की पूजा के महत्व में बढ़ोत्तरी कर रहा है. शनिवार के दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए ये करें-
शनिवार व्रत की आरती
आरती कीजै नरसिंह कुंवर की।
वेद विमल यश गाऊं मेरे प्रभुजी॥
पहली आरती प्रहलाद उबारे।
हिरणाकुश नख उदर विदारे॥
दूसरी आरती वामन सेवा।
बलि के द्वार पधारे हरि देवा॥
तीसरी आरती ब्रह्म पधारे।
सहसबाहु के भुजा उखारे॥
चौथी आरती असुर संहारे।
भक्त विभीषण लंक पधारे॥
पांचवीं आरती कंस पछारे।
गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले॥
तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा।
हरषि-निरखि गावें दास कबीरा॥
शनिदेव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव....
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव....
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव....
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव....
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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