Worship: पूजा करते समय नियम और मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए. यदि इन बातों का ध्यान नहीं रखा जाता है तो पूजा का कोई फल प्राप्त नहीं होता है. इसलिए पूजा करते समय नियमों का पालन करना चाहिए. भगवान की पूजा में रंगों का भी विशेष महत्व बताया गया है. पूजा के समय कुछ रंगों का प्रयोग नहीं करने की भी बात कही है. वहीं पूजा करते समय किस तरह के वस्त्र यानि कपड़े पहनने चाहिए इस पर भी शास्त्रों में जानकारी दी गई है. भगवान वराह ने वराहपुराण में पूजन के नियमों के बारे में बताया है.


काले और नीले रंग का प्रयोग नहीं
पूजा में काले और नीले रंग के वस्त्र पहनना उचित नहीं माना गया है. शनिदेव की पूजा में काले रंग का प्रयोग करते हैं लेकिन अन्य देवताओं की पूजा में इस रंग का प्रयोग नहीं करते हैं. शनिदेव को काला रंग प्रिय है. इसलिए शनिवार को काले रंग के वस्त्रों का दान करने की भी सलाह दी जाती है. इससे जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही है उन्हें लाभ मिलता है.


कुर्ता और साड़ी का प्रयोग
पूजा के समय स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए. पुरुषों को धोती और कुर्ता धारण करना चाहिए. वहीं महिलाओं को साड़ी पहननी चाहिए.


गंदे वस्त्र
पूजा के समय गंदे और फटे हुए वस्त्र नहीं पहनने चाहिए. पूजा में हमेशा स्वच्छ और नए वस्त्र ही धारण करने चाहिए.


पीले रंगे के वस्त्र
पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय रंग है. पूजा में स्वेत और पीले रंग के वस्त्र उत्तम माने गए हैं. पूजा के समय पीले वस्त्र पहनने से शुभ फल प्राप्त होता है. भगवान शिव की पूजा में पीले और स्वेत रंग के वस्त्र पहन सकते हैं. शिव की पूजा में काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए. लक्ष्मी जी की पूजा में सफेद रंग का प्रयोग करना चाहिए.


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