Shani Dev Puja: शनिवार के दिन न्याय के देवता शनिदेव की पूजा की जाती है. शनि देव जिस पर प्रसन्न होते हैं उनके काम में कभी भी अड़चनें नहीं आती है. कुंडली में शनि शुभ स्थिति में हों तो व्यक्ति का कोई भी काम आसानी से हो जाता है. वहीं शनि की अशुभ अवस्था हर काम में बाधा डालती है. शनिवार के दिन शनि की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है लेकिन शनि की पूजा से जुड़े कुछ खास नियम हैं.
पूजा के लिए लोग आमतौर पर अपने घरों में सभी देवी-देवताओं की मूर्ति रखते हैं लेकिन घर में शनि देव की मूर्ति रखना शुभ नहीं माना जाता है. आइए जानें कि आखिर घर के पूजा स्थल में शनि देव की मूर्ति रखना शुभ क्यों नहीं माना जाता है.
शनि देव से जुड़ी मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घर में कभी भी शनि देव की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. इस कथा के अनुसार शनि देव को यह श्राप मिला था कि वह जिसको भी देखेंगे, उसका अनिष्ट यानी बुरा हो जाएगा. शनि देव की दृष्टि घर के सदस्यों पर सीधे तौर पर ना पड़े इसलिए उनकी मूर्ति घर के मंदिर में ना रखने की सलाह दी जाती है. अगर आप शनि देव की पूजा मंदिर में भी कर रहे हैं तो इस बात का खास ख्याल रखें कि कभी भी ठीक उनके सामने ना खड़े हों. ना ही आंखों में आंखें डालकर शनि देव के दर्शन करें.
शनि पूजा में ना करें ये गलती
माना जाता है कि शनि देव की पूजा कभी भी उनकी मूर्ति के सीधे सामने खड़े होकर नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे उनकी कुदृष्टि पड़ती है. शनि की कुदृष्टि जिस पर भी पड़ती है उसके कष्ट बढ़ जाते हैं. शनि देव की पूजा हमेशा मूर्ति के दाएं या बाईं खड़े होकर ही करना चाहिए. शनि देव की पूजा पास के किसी मंदिर में जाकर करनी चाहिए. पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं.
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