Shani Dev: शनि देव का प्रिय रत्न है नीलम, लेकिन इसे पहनने के नियम नहीं जानते तो इसे हाथ भी न लगाएं
Neelam Stone: ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कई तरह के उपाय बताए हैं. जिसमें एक उपाय नीलम को धारण करना भी है. लेकिन इसे कैसे धारण किया जाते है, इसे जानना जरुरी है.
Neelam Stone: व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव लगा रहता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति कभी न कभी किसी ग्रह के दुष्प्रभाव के कारण तमाम तरह की परेशानियों और बीमारियों से घिरा रहता है. ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रहों में शनि ग्रह को बहुत ही प्रभावशाली ग्रह माना जाता है. कुंडली में शनि के अशुभ भाव में बैठने पर जातकों कष्ट मिलने लगते हैं.
लोगों के मन में शनि ग्रह से जुड़े साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा के चलने पर भारी परेशानियां आने का ख्याल होने लगता है. ऐसे में शनि देव (Shani Dev) को शांत और प्रसन्न करने के लिए तरह तरह के उपाय अपनाए जाते हैं, इन्हीं में एक उपाय है नीलम का धारण करना. नीलम शनि देव की पहली पत्नी हैं और नीलम रत्न शनि देव के माथे पर विराजमान होता है. ऐसे में जो लोग नीलम धारण करते हैं उन पर शनि देव की कृपा और क्षमा दृष्टि बनी रहती है और व्यक्ति को शुभ प्रभाव देखने को मिलता है.
नीलम रत्न किन लोगों को धारण करना चाहिए?
- ज्योतिष शास्त्र कहता है कि अगर किसी व्यक्ति के ऊपर शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप हो तो उसे नीलम रत्न धारण करना चाहिए.
- विशेष रूप से कुंभ और मकर राशि के लोगों को नीलम धारण करने का अतिरिक्त लाभ पहुंचता है.
- कुंडली में शुभ शनि होने पर भी नीलम रत्न पहनना अच्छा माना जाता है. इसके अलावा अगर शनि षष्ठेश या अष्टमेश तो भी नीलम पहना जा सकता है. ध्यान रखने के बात यह कि नीलम रत्न पहनने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह अवश्य लेनी चाहिए.
नीलम धारण करने के नुकसान और अशुभ संकेत (Who is Neelam Stone suitable for?)
नीलन पहनने का फल सभी लोगों को नहीं मिलता. कुछ लोगों को इसके अशुभ और निगेटिव संकेत भी मिलने लगते हैं. आइए जानते हैं उन संकेतों के बारे में-
- नीलम रत्न का प्रभाव बहुत ही तेजी से दिखता है. अगर यह रत्न आपके लिए अनुकूल नही हैं तो आपकी आंखों में तकलीफ होनी शुरू हो जाएगी.
- अगर किसी व्यक्ति के नीलम पहनने पर उसके साथ दुर्घटनाएं और शारीरिक कष्ट बढ़ने लगे तो समझिए यह रत्न आपके लिए शुभ नहीं है. तब इसे फौरन उतार देना चाहिए.
- नीलम के अशुभ होने पर जो व्यक्ति को तुरंत ही आर्थिक नुकसान होने लगता है.
- नीलम अगर अनुकूल नहीं है तो बुरे और डरावने सपने आने शुरू हो जाते हैं.
नीलम धारण करने के फायदे और शुभ संकेत (Blue Sapphire Stone Benefits)
- नीलम के अनुकूल और शुभ होने पर इसे धारण करते ही शुभ फल मिलना आरंभ हो जाता है. सबसे पहले तो स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी चल रही है तो उससे राहत मिलनी शुरू हो जाती है.
- नीलम शुभ होने पर व्यक्ति को आर्थिक लाभ मिलने के साथ नौकरी और व्यवसाय में उन्नति के संकेत भी दिखाई देने लगते हैं.
- नीलम धारण करने के बाद आपके साथ कुछ अशुभ घटना न हो तब यह समझना चाहिए कि आपके लिए यह रत्न शुभ है.
- अगर आपके जन्म कुंडली में शनि की महादशा विपरीत हो तो उसके लिए नीलम बेहद शुभ होता है. नीलम पहनते ही कमजोर शनि का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है.
- नीलम रत्न पहने पर मन की एकाग्रता बढ़ने लगती है जिस कारण से कार्यकुशलता में वृद्धि होने लगती है.
- वृष लग्न और तुला लग्न में जन्मे लोगों के लिए नीलम राजयोग की कारक होता है.
- नीलम को कभी भी तुरंत नहीं पहनना चाहिए. नीलम को धारण करने से पहले उसका परिक्षण करके देखा जाता है कि पहनने वाले व्यक्ति के लिए यह अनुकूल है या नहीं.
- नीलम रत्न को घर पर लाने के बाद उसे गंगाजल से भरे किसी पात्र में रख देना चाहिए और शनिवार के दिन धारण कर इसके प्रभाव के बारे में ध्यान से देखना चाहिए.
- नीलम को शनिवार के दिन दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण किया जाना चाहिए.
- नीलम रत्न को पहनने से पहले किसी अच्छे ज्योतिष से अपनी कुंडली दिखाकर सलाह जरूर लेनी चाहिए.
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