Mahima Shani Dev Ki: शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में कठोर स्वभाव वाला ग्रह माना गया है. शनि की चाल बहुत ही धीमी होने के कारण शनि का प्रभाव व्यक्ति पर अधिक दिनों तक रहता है. शनि एक राशि में अपनी यात्रा लगभग ढाई वर्षों में पूर्ण करते हैं. 


शनि की अशुभता का फल
शनि देव जब जन्मकुंडली में अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन क्षेत्रों में व्यक्ति को अधिक संघर्ष करना पड़ता है-
- शिक्षा
- करियर
- जॉब
- बिजनेस
- सेहत
- लव लाइफ
- दांपत्य जीवन
- पूंजी


शनि की दृष्टि
ज्योतिष शास्त्र में शनि की दृष्टि को शुभ नहीं माना गया है. शनि जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति की जमा पूंजी नष्ट हो जाती है. व्यक्ति को कर्जदार भी शनिदेव बनाते हैं. व्यक्ति को किसी कार्य में सफलता नहीं मिलती है. यहां तक की जमा जमाया व्यापार भी चौपट हो जाता है. इसलिए शनिदेव की दृष्टि से बचने की कोशिश करनी चाहिए.


शनि न्याय के देवता हैं
शनि देव सदैव ही अशुभ फल देते हैं, ऐसा नही है. शनि देव शुभ फल भी प्रदान करते हैं. शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्यायाधीश माना गया है. शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं. इसलिए शनि कृपा बनी रहे तो इसके लिए कभी गलत कार्य नहीं करने चाहिए. इन कार्यों को करने से बचना चाहिए-
- अनैतिक कृत्य
- दूसरे के धन की चोरी
- कमजोर को सताना
- निर्धन और परिश्रम करने वालों को अपमान
- वाणी को खराब करना
- गलत संगत


शनि के उपाय
शनिवार के दिन पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि की अशुभता में कमी आती है. भगवान शिव और भगवान कालभैरव की पूजा करने से शनि शांत होते हैं. सरसों का तेल, काली उड़द, काला कंबल और काला छाता का दान करने से भी शनि का दोष समाप्त होता है. जिन लोगों पर शनि की महादशा, साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही है वे लोग शनि की शांति का अवश्य उपाय करें.


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