Shani Dev: शनि देव का आशीर्वाद बहुत आवश्यक है. शनि परिश्रम के कारक हैं. सभी जानते हैं बिना परिश्रम के कुछ भी संभव नहीं है. शनि ही कर्म का फल प्रदान करने वाले हैं. इसी कारण से शनि देव का एक नाम कर्मफलदाता भी है.


ज्योतिष के अनुसार शनि जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति का जीवन संघर्ष और परेशानियों से भर देते हैं, इसलिए शनि देव को प्रसन्न रखना जरुरी हो जाता है.


शनि को प्रसन्न रखने के लिए उन कार्यों को कतई नहीं करना चाहिए, जिससे शनि देव को क्रोध आता है. शनि देव का स्वभाव समझना अत्यंत जरुरी है. ज्योतिष ग्रंथों में शनि को नियम, अनुशासन का कारक माना गया है. शनि को झूठ पसंद नहीं है. 


काम में लापरवाही बरतने वालों को शनि पसंद नहीं करते हैं. महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती और ढैया के दौरान शनि कठोर दंड देते हैं. वफादारी, काम के प्रति समर्पण ये सब शनि को अतिप्रिय हैं. शनि परेशान न करें, जीवन में शुभ फल प्रदान करें, इसके लिए कुछ बातें है जिनका ध्यान रखना आवश्यक है- 


बेजुबान पशु-पक्षियों को न सताएं


शनि कमोजर वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे जीव जो बोल नहीं सकते, अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकते हैं, प्रकृति आदि पर आश्रित रहते हैं उन्हें कभी नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. जो लोग जीव-जंतुओं को हानि पहुंचाते हैं शनि उन्हें समय आने पर भयंकर सजा प्रदान करते हैं.


झूठा दिखावा और झूठ बोलने वालों को माफ नहीं करते शनि देव


शनि महाराज को न्याय का देवता भी कहा जाता है. शनि को ग्रहों में न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है. सभी जानते हैं कि न्यायपीठ पर बैठने वाले किसी भी प्रकार का झूठ को पसंद नहीं करते हैं. जो लोग जीवन में झूठा दिखावा करते हैं और अपने स्वार्थ के लिए कभी भी झूठ बोलने के लिए तैयार रहते हैं. ऐसे लोगों को शनि देव कठोर सजा देते हैं.


दूसरों का धन हड़पने वालों को शनि देव हैं कठोर दंड


शनि देव दूसरों के अधिकारों पर अतिक्रमण करने वालों को कभी माफ नहीं करते हैं. शक्ति आने पर जो लोग दूसरों को परेशान करने लगते हैं, उनका धन हड़पने की योजना बनाते हैं. ऐसे लोगों को शनि अपनी महादशा, साढ़ेसाती और ढैया के दौरान दंड देने का काम करते हैं.


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