Shani Ki Dhaiya: शनि ग्रह का इस वर्ष कोई राशि परिवर्तन नहीं है. शनि एक कू्रर ग्रह माना गया है. इसीलिए शनि की दृष्टि से लोग डरते भी हैं. शनिदेव हमेशा अशुभ फल नहीं देते हैं. जन्म कुंडली में शनि की स्थिति से भी शुभ अशुभ फलों का पता लगाया जाता है. यानि शुभ स्थिति में होने पर शनि बहुत अच्छे फल भी प्रदान करते हैं.


शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या के दौरान व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. शनि का यह समय व्यक्ति के लिए मुश्किलों भरा माना गया है. यानि जब साढ़ेसाती और ढैय्या में से किसी एक भी अवस्था आरंभ होती है तो व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन परेशानियों से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.


मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या है
ज्योतिष गणना के अनुसार इस समय मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. ये व्यक्ति पर ढाई वर्ष तक रहती है. इन ढाई वर्षों में शनि विभिन्न प्रकार की दिक्कतें देने का कार्य करते हैं.


धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती है
धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि पर इस समय शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इस दौरान व्यक्ति को बहुत ही धैर्य बरतना चाहिए. शनि की यह अवधि सात वर्षों से अधिक समय के लिए होती है. इसलिए इसमें व्यक्ति को सबसे अधिक कष्ट उठाने पड़ते हैं.


शनि के अशुभ फल
शनिदेव जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को हर क्षेत्र में परेशानी और कष्ट देने का कार्य करते हैं. शिक्षा, जॉब, बिजनेस, सेहत और दांपत्य जीवन के लिए भी शनिदेव साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान कोई न कोई कष्ट देते हैं. इसलिए शनि को प्रसन्न रखना अत्यंत जरूरी है.


शनिदेव कर्मों के आधार पर व्यक्ति को फल देते हैं
शनिदेव को ज्योतिष शास्त्र में एक न्याय प्रिय ग्रह माना गया है. यानि शनि व्यक्ति को उसके अच्छे बुरे कार्यों के आधार पर ही फल प्रदान करते हैं. कहने का अर्थ है कि जब व्यक्ति अच्छे कार्य करता है तो शनि उसी प्रकार से फल प्रदान करते हैं जब गलत कार्यों का करता है तो व्यक्ति को शनि बुरे फल देने का कार्य करते हैं.


ऐसे लोगों का आदर सम्मान और मदद करें
शनि कमजोर और परिश्रम करने वाले वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए निर्धन, आश्रित, रोगी, कठोर परिश्रम से जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों की सदैव मदद करनी चाहिए. ऐसे लोगों का ध्यान रखना चाहिए और समय समय दान आदि से सहायता करनी चाहिए. इसके साथ ही ऐसे लोगों का भूलकर भी अनादर नहीं करना चाहिए. गलती होने पर तुरंत माफी मांगनी चाहिए.


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