Shani Dev: मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. जबकि धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. शनि की इन स्थितियों को शुभ फलदायी नहीं माना गया है. शनि की इन स्थितियों में व्यक्ति को शिक्षा, करियर, बिजनेस, स्वास्थ्य और दांपत्य जीवन से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


शनिदेव न्याय के कारक हैं
ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का कारक माना गया है. सभी ग्रहों में शनि को न्यायाधीश माना गया है. शनि व्यक्ति के कर्मों के आधार पर शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं. व्यक्ति को दंड देने का भी कार्य शनिदेव ही करते हैं. इसलिए व्यक्ति को गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए. शनि की दृष्टि से मनुष्य ही देवता भी घबराते हैं. शनिदेव को भगवान शिव का वरदान प्राप्त है कि उनकी दृष्टि से कोई भी नहीं बच सकता है.


शनि अशुभ फल
शनिदेव जब अशुभ होते हैं तो व्यापार में बाधाओं का सामना करना पड़ता है. प्रत्येक कार्यों में बाधा आने लगती है. धन की हानि होती है और व्यक्ति को कर्ज का भी सामना करना पड़ता है. जमा पूंजी नष्ट हो जाती है. रोग आदि भी व्यक्ति को घेर लेते हैं. व्यक्ति के जीवन में निरंतर परेशानी और कष्ट बने ही रहते हैं. इसलिए शनिदेव को प्रसन्न रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है.


शनिवार को करें शनिदेव को प्रसन्न
शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है. इस दिन पूजा करने से शनिदेव विशेष फल प्रदान करते है. वर्तमान समय में होलाष्टक चल रहे हैं. होलाष्टक का समापन 28 मार्च रविवार को फाल्गुन मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन होेने जा रहा है. इससे पूर्व 27 मार्च को शनिवार का दिन है. इस दिन आप अपने नजदीकी शनि मंदिर में जाकर शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं. शनिवार के दिन इन उपाय को कर सकते हैं-


- शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाएं.
- काली उड़द का दान करें.
- काला कंबल, कले वस्त्रों का भी दान कर सकते हैं.
- काला छात का भी दान उत्तम माना गया है.
- रोगियों की सेवा करें.
- परिश्रम करने वालों का सम्मान करें.


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