Shani Dev In hindi: शनि देव को सभी 9 ग्रहों में विशेष दर्जा प्राप्त है. शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है. शनि देव के बारे में माना जाता है कि वे व्यक्ति को कर्मों के आधार ही अच्छे और बुरे फल प्रदान करते हैं. नवग्रहों में शनि को न्यायाधीश माना गया है. कहा जाता है कि शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या और शनि की महादशा के दौरान शनि देव व्यक्ति को कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं. इसीलिए शनि की इन अवस्थाओं से व्यक्ति को डर लगता है.


प्रेम संबंधों को प्रभावित करते हैं शनि देव
जन्म कुंडली का पंचम भाव प्रेम संबंध का भाव माना जाता है. कुंडली के इस घर पर शनि की दृष्टि पड़ती है तो व्यक्ति को प्रेम संबंधों में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. यहां तक की कभी कभी ब्रेकअप जैसी स्थिति भी बन जाती है. इसलिए शनि को शांत रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है.


इन 5 राशियों पर शनि की सीधी दृष्टि
मिथुन राशि, तुला राशि, धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि पर शनि की दृष्टि है. इनमें से मिथुन और तुला पर शनि की ढैय्या चल रही है जबकि धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती बनी हुई है. इसलिए इन 5 राशियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.


शनि का प्रभाव
प्रेम संबंधों को जब शनि देव प्रभावित करते हैं तो वाद विवाद की स्थिति बनने लगती है. अनावश्यक विषयों पर बहस की स्थिति बन जाती है, जिससे बातचीत प्रभावित होने लगती है. अचानक भ्रम और गलतफहमी की स्थिति भी बन जाती है. इसके साथ ही कभी कभी रिश्तों में दूरी भी पैदा हो जाती है. 


शनि के उपाय
शनि को शांत करने के लिए उपाय बहुत जरूरी हैं. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. यदि प्रेम संबंधों में दिक्कत आ रही है तो शनि देव को शनिवार के दिन सारसों का तेल चढ़ाएं. शनि देव से जुड़ी चीजों का दान करें. इसके साथ ही इन बातों का भी ध्यान रखें-


- गलत संगत से दूर रहें.
- नशा आदि न करें.
- किसी को धोखा न दें.
- झूठ बोलने की आदत से बचें.
- महिलाओं का सम्मान करें.
- जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद करें.
- कमजोर व्यक्तियों का शोषण न करें.
- परिश्रम करने वालों का सम्मान करें.


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