Shani Dev: शनि की नजर है आप पर, भूलकर भी न करें ये काम
Shai Dev: शनि देव, यानि कलियुग के न्यायाधीश. सभी जानते हैं जब मामला अदालत में हो तो व्यक्ति के अच्छे-बुरे कामों का हिसाब होकर रहता है. शनि के बारे में कहा जाता है कि ये किसी को नहीं छोड़ते हैं. फिर राजा और रंक क्या.
Shai Dev: शनि को सभी ग्रहों में विशेष दर्जा प्राप्त है. शनि की दृष्टि से कोई नहीं बच सकता है. शनि देव ही जो मनुष्य को उसके अच्छे बुरे कामों का हिसाब-किताब करके उसे अच्छे और खराब फल प्रदान करते हैं. यही कारण है कि शनि से लोग भय खाते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि की नजर से कोई नहीं बच सकता है, स्वयं भोलेनाथ भी शनि की दृष्टि का शिकार हुए थे. लंकापति रावण भी शनि से नहीं बच सका था. शनि मनुष्य ही नहीं देवता और असुरी शक्तियों को भी नहीं छोड़ते हैं, उनके दरबार में कोई राजा और रंक नहीं होता है, जो जैसे कर्म करता है वे उसे उसी तरह का फल प्रदान करते हैं.
शनि किन लोगों को देते हैं कठोर दंड (What makes Shani Dev angry)
शनि का स्वभाव क्रूर है. ज्योतिष ग्रंथों में शनि का कर्मफलदाता, कलियुग का दंडाधिकारी भी कहा गया है. शनि कठोर परिश्रम के कारक है. इनकी चाल सबसे धीमी है, यही कारण है कि इनका प्रभाव एक राशि पर लगभग ढाई साल तक रहता है. साढ़ेसाती, ढैया और कुंडली में शनि की महादशा के समय शनि व्यक्ति को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं.
सवाल उठता है कि शनि किन लोगों को सबसे अधिक दंडित करते हैं? शनि उन लोगों को अधिक परेशान करते हैं जो दूसरों का अहित करने के लिए सदैव आतुर रहते हैं. कमजोर वर्गों के लोगों को प्रताडित करते हैं, उनका हक मारते हैं. ऐसे लोगों को शनि आवश्य ही कठोर दंड देते हैं.
शनि किसका भला करते हैं (Shani Bad Effects)
शनि उन लोगों का कभी अहित नहीं करते हैं जो कानून और नियमों का पालन करते हैं, ईमानदारी से अपना जीवन यापन करते हैं. कमजोर लोगों की मदद करते हैं. प्रकृति को बेहतर बनाने में योगदान करते हैं. शनि ऐसे लोगों को बहुत अच्छे फल प्रदान करते हैं. निर्धन और असहाय लोगों की मदद करने वालों को शनि कभी परेशान नहीं करते हैं.
वर्तमान समय में शनि की स्थिति
शनि इस समय नक्षत्र परिवर्तन कर शतभिषा में गोचर कर रहे हैं, ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार जानते हैं कि शनि यहां कब तक विराजमान रहेगें-
शनि की प्रिय राशि कौन सी है (Shani Favorite Rashi)
शनि देव दो राशियों के स्वामी हैं. मकर राशि और कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं. इसके साथ ही शनि, तुला राशि में उच्च के हो जाते हैं. तुला राशि शनि की सबसे प्रिय राशि है. तुला राशि वालों को शनि परेशान नहीं करते हैं, लेकिन उन कार्यों को नहीं करना चाहिए, जो शनि का प्रिय नहीं हैं.
शनि के मंत्र (Shani Mantra)
शनि के मंत्रों का जाप भी विशेष फल देने वाला माना गया है. इन मंत्रों के जाप से शनि देव प्रसन्न होते हैं. साढे़साती और ढैया की अशुभता में कमी आती है.
शनिवार के उपाय (Shani Upay)
शनिवार का दिन शनि देव का प्रिय दिन है. इस दिन नजदीकी शनि मंदिर में जाकर सरसों का चेल चढ़ाए. शनि चालीसा और शनि देव की आरती का पाठ करें. ऐसा करने से शनि की अशुभता में कमी आती है.
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